शिशिर ऋतु में इम्यूनिटी बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय, जानें जरूरी डूज़ एंड डोन्ट्स

शिशिर ऋतु में इम्यूनिटी मजबूत रखने के लिए अपनाएं आसान आयुर्वेदिक डूज़ एंड डोन्ट्स।

Update: 2025-12-25 04:30 GMT

नई दिल्ली: दिसंबर से फरवरी के बीच आने वाली शिशिर ऋतु सर्द हवाओं और ठंडे मौसम के साथ कई तरह की शारीरिक चुनौतियां भी लेकर आती है। इस दौरान तापमान गिर जाता है, जिससे शरीर को खुद को गर्म रखने के लिए ज्यादा ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। अगर इस समय सही खानपान और दिनचर्या का ध्यान न रखा जाए, तो सर्दी-खांसी, जकड़न, थकान और इम्यूनिटी कमजोर होने जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, शिशिर ऋतु में शरीर की पाचन अग्नि तेज होती है, यानी खाना जल्दी पचता है और भूख भी ज्यादा लगती है। ऐसे में पौष्टिक और गर्म तासीर वाला भोजन शरीर को ताकत देता है और ठंड से बचाता है। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय भी इस मौसम में स्वस्थ रहने के लिए कुछ आसान आयुर्वेदिक उपाय अपनाने की सलाह देता है, जिन्हें आम लोग भी आसानी से अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।

शिशिर ऋतु में शरीर को गर्म और पौष्टिक रखने के लिए कुछ विशेष आदतें अपनानी चाहिए। सबसे पहले आहार पर ध्यान दें। मीठा, खट्टा और नमकीन स्वाद वाले भोजन का सेवन करें। ये शरीर को एनर्जी देते हैं और ठंड से लड़ने में मदद करते हैं। दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे घी, दही, पनीर आदि खूब खाएं। ये पौष्टिक होते हैं और शरीर की गर्माहट बढ़ाते हैं। शहद का प्रयोग करें, खासकर गुनगुने पानी के साथ। यह पाचन सुधारता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है।

शिशिर ऋतु में भारी लेकिन पौष्टिक आहार लें, जैसे दलिया, खिचड़ी, सूखे मेवे और गुड़ वाली चीजें। इस दौरान रोजाना तेल से मालिश करें। सरसों या तिल के तेल की मालिश शरीर को गर्म रखती है, जोड़ों के दर्द से बचाती है और त्वचा को नरम बनाती है।

मौसम में ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें, कमरे को बंद रखें और बाहर निकलते समय मुंह-नाक ढकें। इसके साथ ही शारीरिक व्यायाम जरूरी है। सुबह हल्की सैर, योगासन या प्राणायाम करें। इससे शरीर सक्रिय रहता है और रक्त संचार बेहतर होता है। इसके साथ ही गर्म पानी से नहाना या स्टीम लेना भी फायदेमंद है। यह सांस की तकलीफों से बचाता है और शरीर को आराम देता है।

हालांकि, कुछ चीजें इस मौसम में नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए इन्हें करने से बचना चाहिए। तीखा, कड़वा और कब्ज पैदा करने वाला भोजन न खाएं, जैसे ज्यादा मिर्च-मसाले, बासी भोजन या हल्का सलाद। ये पाचन खराब करते हैं और ठंड बढ़ाते हैं।

उपवास बिल्कुल न करें, क्योंकि शरीर को लगातार ऊर्जा की जरूरत होती है। इस मौसम में ठंडा पानी पीने से बचें। हमेशा गुनगुना या गर्म पानी ही इस्तेमाल करें। ठंडा पानी शरीर की गर्माहट कम करता है और सर्दी-जुकाम का खतरा बढ़ाता है।

शिशिर ऋतु में ठंडी हवा वाले वातावरण में ज्यादा देर न रहें। बाहर ठंड में बिना सुरक्षा के न घूमें और रात में खुली जगह पर सोने से बचें। इन सरल उपायों से शिशिर ऋतु में होने वाली समस्याओं को मात दी जा सकती है।

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