क्या सच में स्ट्रेस हमेशा बुरा होता है? जानिए तनाव से जुड़ी 7 आम गलतफ़हमियाँ
मिथ 1:
स्ट्रेस हमेशा बुरा होता है। सच: हल्का तनाव आपको फोकस्ड और मोटिवेटेड रख सकता है। नुकसान तभी होता है जब तनाव लंबे समय तक बना रहे।
मिथ 2:
जो लोग कमज़ोर होते हैं, वही स्ट्रेस में रहते हैं। सच: स्ट्रेस इंसान की सामान्य प्रतिक्रिया है। मज़बूत लोग भी इसका सामना करते हैं — ये कमजोरी नहीं, इंसानियत है।
मिथ 3:
स्ट्रेस को कंट्रोल नहीं किया जा सकता। सच: किया जा सकता है! एक्सरसाइज़, डीप ब्रीदिंग और माइंडफुलनेस से शरीर को शांत रखना संभव है।
मिथ 4:
स्ट्रेस को अनदेखा करने से वो खुद ठीक हो जाएगा। सच: अनदेखा करने से समस्या बढ़ती है। उसे पहचानें और धीरे-धीरे मैनेज करें।
मिथ 5:
स्ट्रेस सिर्फ़ दिमाग पर असर डालता है। सच: स्ट्रेस शरीर पर भी असर डालता है — इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और नींद पर असर पड़ता है।
मिथ 6:
बिजी रहना मतलब स्ट्रेस में रहना। सच: बिजी लाइफ में भी शांति संभव है। बैलेंस और सेल्फ-केयर साथ-साथ चल सकते हैं।
मिथ 7:
स्ट्रेस को मापा नहीं जा सकता। सच: डॉक्टर हार्ट रेट, हार्मोन और मानसिक स्थिति से स्ट्रेस को पहचान सकते हैं। यह वास्तविक है।
तनाव को समझिए, डरिए नहीं। छोटी-छोटी आदतें बड़ा बदलाव लाती हैं।