क्या आप भी खाते हैं जल्दबाजी में खाना? इस बड़ी समस्या को तो नहीं दे रहे दावत

Update: 2025-12-20 10:45 GMT

आज की तेज़ रफ्तार और व्यस्त जिंदगी में अपने लिए समय निकाल पाना मुश्किल हो गया है। इस वजह से हम अक्सर खाना जल्दी-जल्दी खाते हैं या सही तरीके से न खाने की आदत डाल लेते हैं। ऐसा करने से पेट में गैस बनने की समस्या आम हो गई है, जो पाचन तंत्र की कमजोरी और गलत जीवनशैली का संकेत हो सकती है। जब भोजन ठीक से नहीं पचता, तो आंतों में किण्वन के कारण कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन और मीथेन जैसी गैसें बनती हैं। इसके परिणामस्वरूप पेट फूलना, भारीपन और दर्द जैसी समस्याएं सामने आती हैं।

पेट में गैस बनने के मुख्य कारणों में तैलीय और मसालेदार भोजन, फास्ट फूड का अधिक सेवन, जल्दी-जल्दी खाना और बिना चबाए निगलना शामिल हैं। इसके अलावा, आयुर्वेद के अनुसार कमजोर जठराग्नि (पाचन शक्ति), तनाव, चिंता, अनियमित दिनचर्या, देर रात खाना या सोना और सोडा व दालों का अत्यधिक सेवन भी गैस की समस्या को बढ़ाता है।

आयुर्वेद में गैस और वात दोष से निजात पाने के कई उपाय सुझाए गए हैं। उदाहरण के लिए, अजवाइन और काला नमक गुनगुने पानी के साथ लेने से तुरंत राहत मिलती है। अदरक का छोटा टुकड़ा चबाना पाचन को मजबूत करता है।

भोजन के बाद सौंफ चबाएं या पानी पिएं। हींग को पानी में घोलकर पीने या पेट पर मलने से गैस कम होती है। गुनगुने पानी में नींबू मिलाकर पीना और रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण लेना भी मददगार है।

सही दिनचर्या अपनाना भी बहुत जरूरी है। धीरे-धीरे और समय पर खाना खाएं, भोजन के तुरंत बाद न लेटें, हल्की सैर करें और योगासन जैसे पवनमुक्तासन व वज्रासन का अभ्यास करें। प्राणायाम और तनाव कम करने वाले उपाय अपनाएं।

नींद पूरी करें, क्योंकि नींद की कमी भी पेट में गैस बनने की वजह बन सकती है। बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्या ज्यादा होती है। मेथी पानी, पेपरमिंट तेल और पेट की मालिश से भी राहत मिलती है। संतुलित आहार और घरेलू नुस्खों से पेट की गैस को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। फिर भी, किसी उपाय को अपनाने से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ या वैद्य से सलाह लेना जरूरी है।

With Inputs from IANS

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