एट्रियल फ़ाइब्रिलेशन के मरीजों के लिए कॉफी फायदेमंद साबित हो सकती है, घट सकता है दिल की धड़कन बिगड़ने का खतरा

Update: 2025-11-15 05:00 GMT

एक नए अध्ययन में पाया गया कि एट्रियल फिब्रिलेशन (AFib) से पीड़ित और रोज़ एक कप कॉफी पीने वाले लोगों में, दिल की धड़कन के दोबारा अनियमित होने की संभावना करीब 39% कम थी, उनकी तुलना में जिन्होंने कैफीन का सेवन बिल्कुल बंद कर दिया था।

यह महत्वपूर्ण अध्ययन हाल ही में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के “साइंटिफिक सेशंस 2025” में प्रस्तुत किया गया, जो 7 से 10 नवम्बर तक न्यू ऑरलियन्स में आयोजित हुआ। यह सम्मेलन हृदय रोगों से जुड़ी नई वैज्ञानिक खोजों, अनुसंधान और क्लिनिकल प्रैक्टिस से जुड़ी ताज़ा जानकारी साझा करने वाला दुनिया का एक प्रमुख मंच माना जाता है।

अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. क्रिस्टोफर एक्स. वोंग (University of Adelaide, Australia) ने बताया — “हमने यह अध्ययन यह जानने के लिए किया कि कैफीन वाली कॉफी पीने से दिल की अनियमित धड़कन (AFib) का खतरा बढ़ता है या घटता है। इसके लिए लोगों को दो समूहों में बाँटा गया — एक समूह को कहा गया कि वे रोज़ कम से कम एक कप कैफीन वाली कॉफी पीते रहें, जबकि दूसरे समूह से कहा गया कि वे छह महीने तक कोई भी कैफीन वाला पेय न लें।”

इस शोध को “डज़ एलिमिनेटिंग कॉफी अवॉइड फिब्रिलेशन (DECAF)” नाम दिया गया। इसमें 200 लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें पहले से दिल की धड़कन अनियमित या तेज़ होने की समस्या (AFib) थी और जिनका इलाज कार्डियोवर्शन थेरेपी से होने वाला था — जिसमें दवा या हल्के इलेक्ट्रिक शॉक से दिल की धड़कन को सामान्य करने की कोशिश की जाती है।

अध्ययन में शामिल लोगों ने बताया कि वे आम तौर पर रोज़ लगभग एक कप कैफीन वाली कॉफी पीते थे, और उन्होंने सहमति दी कि इलाज के बाद 6 महीने तक शोधकर्ताओं के बताए अनुसार कैफीन का सेवन करेंगे या नहीं करेंगे। इनमें से आधे लोगों को रोज़ कॉफी पीने को कहा गया, जबकि बाकी आधे लोगों को कैफीन पूरी तरह छोड़ने की सलाह दी गई।

6 महीने चले इस अध्ययन के दौरान:

  • कॉफी पीने वाले लोगों ने पहले की तरह ही रोज़ लगभग एक कप कॉफी पीना जारी रखा, जबकि कॉफी न पीने वाले लोगों ने पूरी तरह कैफीन से दूरी बनाए रखी।
  • कॉफी पीने वाले समूह में से 47% लोगों को दिल की धड़कन दोबारा अनियमित या तेज़ (AFib या एट्रियल फ्लटर) होने की समस्या हुई, जो आम तौर पर 30 सेकंड से ज़्यादा चली।वहीं कैफीन न लेने वाले समूह में यह समस्या 64% लोगों में देखी गई। यानी कॉफी पीने वालों में यह खतरा करीब 39% कम पाया गया।
  • जब सिर्फ AFib की घटनाओं (एट्रियल फ्लटर को छोड़कर) को देखा गया, तब भी जोखिम में समान कमी देखी गई।

मुख्य शोधकर्ता डॉ. ग्रेगरी एम. मार्कस (University of California, San Francisco) ने बताया — “हमारे नतीजे बताते हैं कि कैफीन वाली कॉफी दिल की अनियमित धड़कन का खतरा बढ़ाती नहीं है, बल्कि इसे कुछ हद तक कम भी कर सकती है।”

अध्ययन में सिर्फ उन लोगों को शामिल किया गया था जो पहले से कॉफी पीते थे, इसलिए शोधकर्ता मानते हैं कि भविष्य में ऐसे लोगों पर भी अध्ययन किया जाना चाहिए जो पहली बार कॉफी या अन्य कैफीन वाले पेय पीना शुरू करते हैं — ताकि यह समझा जा सके कि क्या उनमें भी AFib के मामले घटते हैं। क्योंकी इस अध्ययन में लोगों ने रोज़ लगभग एक कप कॉफी पी थी, इसलिए इसके नतीजे ज्यादा कॉफी पीने वालों या एनर्जी ड्रिंक जैसे अन्य कैफीन वाले पेय लेने वालों पर लागू नहीं हो सकते।

डॉ. ग्रेगरी एम. मार्कस ने कहा, “डॉक्टर अपने AFib मरीजों को यह सलाह दे सकते हैं कि वे चाहें तो प्राकृतिक रूप से कैफीन वाले पेय जैसे कॉफी या चाय आज़मा सकते हैं, अगर उन्हें ये पसंद हों। हालांकि, कुछ लोगों में कैफीन या कॉफी पीने से AFib की दिक्कत शुरू या बढ़ भी सकती है, इसलिए हर व्यक्ति को अपने शरीर की प्रतिक्रिया पर ध्यान देना चाहिए।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, एट्रियल फिब्रिलेशन (AFib) की समस्या अमेरिका में इस समय 60 लाख से ज़्यादा लोगों को प्रभावित कर रही है। यह स्थिति आगे चलकर खून के थक्के (ब्लड क्लॉट), स्ट्रोक, हार्ट फेलियर और अन्य दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है

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