दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की पहल- पंख

Update: 2025-12-27 05:30 GMT

एक स्वस्थ समाज के निर्माण और बेहतर भविष्य की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ, दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट (DSCI) अपने जनसंपर्क कार्यक्रम “कैंसर हॉस्पिटल @ स्कूल विद पंख” के माध्यम से स्कूली बच्चों के बीच कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।

एक वर्ष पूर्व शुरू की गई इस पहल के तहत अब तक दिल्ली के एक दर्जन से अधिक सरकारी स्कूलों में हजारों छात्रों को कैंसर संबंधी जानकारी दी जा चुकी है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कैंसर के बारे में सही और वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करना है, विशेष रूप से रोकथाम, प्रारंभिक पहचान और स्वस्थ जीवनशैली पर केंद्रित रहते हुए।

PANKH का आशय है—

P: Prevention (रोकथाम)

A: Awareness (जागरूकता)

N: Nutrition (पोषण)

K: Knowledge (ज्ञान)

H: Hope (आशा)

यह अभियान DSCI @ School with PANKH के बैनर तले संचालित किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम की परिकल्पना डॉ. पंकज त्यागी, एसोसिएट प्रोफेसर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, DSCI द्वारा की गई थी। वहीं, इसका प्रभावी क्रियान्वयन ज़मीनी स्तर पर सुश्री रंजना कुमारी, पीआर एग्जीक्यूटिव, DSCI द्वारा किया जा रहा है। वे स्कूलों के साथ समन्वय स्थापित करती हैं और वरिष्ठ फैकल्टी एवं डॉक्टरों के सहयोग से सत्रों के सुचारु संचालन को सुनिश्चित करती हैं।

इस पहल पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. विनोद कुमार, निदेशक, DSCI ने कहा,

“यह एक अभिनव पहल है, जिसके माध्यम से अस्पताल स्वयं स्कूलों तक पहुँचकर देश के लिए एक स्वस्थ, जागरूक और उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित कर रहा है। मैं पूरी कैंसर जागरूकता टीम को बधाई देता हूँ और स्कूलों को उनके पूर्ण सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूँ।”

कार्यक्रम के मार्गदर्शक डॉ. पंकज त्यागी ने कहा,

“हमने इस पहल की एक सफल शुरुआत की है और इसके विस्तार के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हमारा लक्ष्य हर महीने दो से तीन स्कूलों तक पहुँचना है। जागरूकता और सतर्कता कैंसर के जोखिम को कम करने और उसकी शीघ्र पहचान में अहम भूमिका निभाती हैं।”

इस अभियान के अंतर्गत कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को कैंसर के प्रति संवेदनशील बनाया जाता है।

डॉ. शांभवी शर्मा, सहायक प्रोफेसर, क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी ने बताया कि 200 से अधिक प्रकार के कैंसरों में से विशेष रूप से उन कैंसरों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिन्हें जीवनशैली में बदलाव, स्वच्छता, अल्ट्रावायलेट किरणों एवं विकिरण से सुरक्षा तथा संतुलित आहार के माध्यम से रोका जा सकता है। कार्यक्रम में परिवर्तनीय जोखिम कारकों (Modifiable Risk Factors) पर विशेष ज़ोर दिया जाता है।

कार्यक्रम समन्वयक सुश्री रंजना कुमारी ने जानकारी दी कि उनके साथ तीन से चार फैकल्टी सदस्यों की एक समर्पित टीम स्कूलों का दौरा करती है। इस टीम का उद्देश्य सतत जागरूकता प्रयासों के माध्यम से देश में कैंसर के बढ़ते बोझ को कम करना है। प्रत्येक सत्र में चार से पाँच विभागों के डॉक्टर सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।

कार्यक्रम के दौरान छात्रों को गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल), सिर और गर्दन, स्तन, फेफड़े, यकृत सहित विभिन्न कैंसरों की रोकथाम से जुड़ी जानकारी दी जाती है। हर सत्र में एक संवादात्मक प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया जाता है, जिससे छात्र अपने प्रश्नों के उत्तर सीधे विशेषज्ञों से प्राप्त कर सकें।

दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट इस पहल को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। वर्तमान में 12 स्कूलों में संचालित यह कार्यक्रम आने वाले समय में प्रति वर्ष 25–30 स्कूलों तक विस्तारित करने का लक्ष्य रखता है, ताकि कम उम्र से ही शिक्षा के माध्यम से कैंसर की रोकथाम को बढ़ावा दिया जा सके और भारत के स्वस्थ भविष्य की नींव रखी जा सके।

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