HPV Vaccine: क्या महिलाओं और पुरुषों दोनों को लगवानी चाहिए? - Dr Rashi Gupta

Update: 2025-04-04 09:45 GMT

HPV क्या है?

एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) सबसे आम यौन संबंध से फैलने वाला संक्रमण है। यह लगभग 80% लोगों को प्रभावित करता है, और ज़्यादातर लोग 15 से 24 साल की उम्र के बीच इससे संक्रमित होते हैं।

HPV के कई प्रकार होते हैं। कुछ प्रकार खतरनाक होते हैं क्योंकि वे कैंसर का कारण बन सकते हैं। इनमें सबसे ज़्यादा चिंता वाले दो प्रकार हैं – HPV 16 और 18। ये लगभग सभी गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर के मामलों में पाए जाते हैं। इसके अलावा ये गले, गुदा, योनि, बाहरी जननांग (वल्वा) और लिंग के कैंसर से भी जुड़े होते हैं।

कुछ अन्य प्रकार जैसे HPV 6 और 11 खतरनाक नहीं होते, लेकिन ये जननांगों पर मस्से, हल्के संक्रमण और एक दुर्लभ बीमारी (recurrent respiratory papillomatosis) का कारण बन सकते हैं, जिसमें सांस की नली में गांठें बन जाती हैं।

HPV से बचाव के लिए टीके

HPV से बचने के लिए कुछ टीके उपलब्ध हैं। इन टीकों से शरीर को वायरस से लड़ने की ताकत मिलती है। अभी तीन तरह के टीके उपलब्ध हैं:

  • पहला टीका HPV 6, 11, 16 और 18 से बचाव करता है।

  • दूसरा टीका HPV 16 और 18 से बचाव करता है।

  • तीसरा टीका कुल 9 प्रकारों से बचाता है, जिनमें ऊपर बताए गए 4 के अलावा 5 और खतरनाक प्रकार शामिल हैं।

ये टीके आमतौर पर 9 से 13 साल के बच्चों को लगाए जाते हैं, लेकिन अगर किसी ने उस उम्र में नहीं लगवाया हो तो 26 साल की उम्र तक भी टीका लगाया जा सकता है।

ध्यान रखें, ये टीके पहले से हो चुके संक्रमण या बीमारी का इलाज नहीं करते। इसलिए सबसे अच्छा समय टीका लगवाने का है – यौन जीवन शुरू होने से पहले।

लड़कों और पुरुषों को भी टीका क्यों ज़रूरी है?

अक्सर ऐसा माना जाता है कि HPV टीका सिर्फ लड़कियों के लिए ज़रूरी है क्योंकि इससे गर्भाशय का कैंसर होता है। लेकिन यह वायरस लड़कों को भी बीमार करता है — जैसे कि गले, गुदा और लिंग का कैंसर। ये बीमारियाँ भी गंभीर होती हैं और जानलेवा हो सकती हैं।

फिर भी, लड़कों के लिए HPV टीका 2011 से ही सिफारिश की गई है, जबकि लड़कियों को ये 2006 से मिल रहा है। जैसे ऑस्ट्रेलिया ने लड़कियों को 2007 से टीका देना शुरू किया, लेकिन लड़कों को 2012 में शामिल किया गया।

आज भी कई देशों में लड़कों को ये टीका नहीं दिया जाता, क्योंकि इसकी जानकारी कम है और लागत ज्यादा है। इसका नतीजा ये होता है कि लड़के और पुरुष खतरे में रह जाते हैं।

भारत में HPV टीका और लड़कों की भागीदारी

भारत में ये टीके 2008 से प्राइवेट हॉस्पिटल और क्लीनिक में उपलब्ध हैं, लेकिन ज़्यादातर लड़कों और पुरुषों ने इसे नहीं लगवाया है। अगर हम HPV से जुड़ी बीमारियों को कम करना चाहते हैं, तो लड़कों को भी इस टीकाकरण में शामिल करना ज़रूरी है।

अगर भारत सरकार इस टीके को सभी बच्चों के लिए अपनी सरकारी योजना में शामिल करे, तो इससे सबको समान मौका मिलेगा और समाज ज्यादा स्वस्थ रहेगा।

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