ईयरबड्स के लगातार इस्तेमाल से हो सकती हैं ये त्वचा सम्बंधी समस्याएं: डॉ. प्रियांका कुरी
आम तौर पर आप ईयरबड्स तब लगाते हैं जब फोकस करना हो, यात्रा कर रहे हों, या बस आसपास की आवाज़ों से खुद को अलग रखना चाहते हों। लेकिन अगर आप उन्हें पूरे दिन कानों में लगाकर रखते हैं, तो आपके कान (और उनके आसपास की त्वचा) के लिए यह नुकसानदायक हो सकता है। यहाँ सरल और वैज्ञानिक तरीके से समझिए कि लगातार ईयरबड्स पहनने से कौन-सी त्वचा समस्याएँ हो सकती हैं, उनके कारण क्या हैं और वह आसान उपाय जो वास्तव में काम आते हैं।
क्या-क्या हो सकता है?
1. “Ear acne” यानी पिंपल्स (acne mechanica)
लगातार दबाव, रगड़ और पसीना ईयरबड्स के पास जमा हो जाता है। इससे त्वचा के छोटे छिद्र बंद हो सकते हैं और कान के अंदर-बाहर छोटे-छोटे पिंपल या दाने दिख सकते हैं। यही स्थिति एथलीट्स में हेलमेट या स्ट्रैप्स लगाने से भी होती है। इसे acne mechanica कहा जाता है।
2. एलर्जिक कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस
कुछ ईयरबड्स में प्लास्टिक, गोंद, धातुएँ (जैसे गोल्ड प्लेटिंग), एक्रिलेट्स या अन्य केमिकल होते हैं, जो एलर्जी पैदा कर सकते हैं—जिससे लालिमा, खुजली, त्वचा उतरना या छोटे फफोले हो सकते हैं। पैच टेस्ट से ऐसे कई मामलों की पुष्टि हुई है।
3. बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन
इन-ईयर ईयरबड्स कान में हल्का गर्म और नम माहौल बनाते हैं। खासकर बारिश या नमी वाले मौसम में यह बैक्टीरिया और फंगल ग्रोथ के लिए आदर्श वातावरण बन जाता है। इससे कान का बाहरी हिस्सा संक्रमित हो सकता है (otitis externa) या अचानक दर्दनाक, संक्रमित पिंपल दिख सकते हैं।
4. गंदगी और पसीने से होने वाली जलन
गंदे ईयरबड्स में जमा धूल-मिट्टी, मृत त्वचा और उत्पादों के अवशेष (जैसे स्प्रे या परफ्यूम) बार-बार त्वचा को छूते हैं, जिससे त्वचा के छोटे छिद्र बंद होने और जलन की संभावना बढ़ जाती है।
ऐसा क्यों होता है?
कान के आसपास की त्वचा में बाल की जड़ें और त्वचा की तेल बनाने वाली ग्रंथियाँ होती हैं। जब ईयरबड्स त्वचा पर रगड़ डालते हैं और गर्मी-नमी फँस जाती है, तो तेल, मृत त्वचा और बैक्टीरिया मिलकर इंफ्लेमेशन यानी सूजन और पिंपल पैदा कर सकते हैं।
अगर आपको किसी धातु या पदार्थ से एलर्जी है, तो थोड़े समय का संपर्क भी इम्यून रिएक्शन शुरू कर सकता है, जिससे तेज और लंबा चलने वाला डर्मेटाइटिस हो सकता है। नमी वाले मौसम में कान का गर्म और गीला माहौल बैक्टीरिया और फंगस को तेजी से बढ़ने देता है।
किन लोगों में ज्यादा खतरा?
- वे लोग जो कई घंटे लगातार इन-ईयर बड्स पहनते हैं — ऑफिस वर्कर्स, कम्यूटर्स, गेमर्स
- जो पसीना ज्यादा बहाते हैं, खासकर वर्कआउट के दौरान
- जिनकी त्वचा संवेदनशील है या जिन्हें पहले से एक्जिमा/एलर्जी है
- जो ईयरबड्स को नियमित रूप से साफ नहीं करते
- सस्ते या घटिया गुणवत्ता वाले ईयरबड्स का उपयोग करने वाले
- नमी वाले मौसम में लगातार इस्तेमाल करने वाले
आसान उपाय जो आप अभी अपना सकते हैं
- ईयरबड्स को लगातार पहनने से बचें—हर 60–90 मिनट में कानों को ब्रेक दें।
- ईयरबड्स को रोज साफ करें। अल्कोहल स्वैब या हल्के साबुन-पानी से टिप्स पोंछें, और सिलिकॉन टिप्स समय-समय पर बदलें।
- अगर इन-ईयर बड्स से जलन होती है, तो ओवर-ईयर या ओपन-बैक हेडफोन का इस्तेमाल करें।
- बारिश में या पसीना होने के तुरंत बाद ईयरबड्स न पहनें।
- लगातार redness, itching या जलन हो तो तुरंत उपयोग बंद करें और डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें।
- भरोसेमंद और अच्छी गुणवत्ता वाले ईयरबड्स चुनें।
डॉक्टर को कब दिखाएँ?
अगर कान में दर्द बढ़ता जाए, पस निकलने लगे, लालिमा फैलती जाए, खून आए, या कुछ दिनों तक सावधानी बरतने के बाद भी आराम न मिले—तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बाहरी कान के संक्रमण और एलर्जिक डर्मेटाइटिस का इलाज दवाओं (टॉपिकल या ओरल) से किया जा सकता है।
सबसे ज़रूरी बात यह है…
ईयरबड्स खराब नहीं हैं—वे बेहद सुविधाजनक हैं। लेकिन अगर आप उन्हें लगातार पहनते हैं, बिना साफ किए, और कानों को आराम नहीं देते—तो यह बैक्टीरिया बढ़ाने और त्वचा खराब करने का सबसे आसान तरीका बन जाता है।
थोड़ी-सी देखभाल (सफाई, ब्रेक्स, सही स्टाइल) आपके कानों और त्वचा दोनों को सुरक्षित और आरामदायक रख सकती है।
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