डॉ. आर. एम. अंजना बनीं इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन की शारीरिक गतिविधि वर्किंग ग्रुप की चेयर

Update: 2025-12-03 08:00 GMT

IDF ने भारत की जानी-मानी डायबिटीज़ विशेषज्ञ Dr R. M. Anjana को अपनी Physical Activity Working Group का चेयर नियुक्त किया है। उनकी नई भूमिका वैश्विक स्तर पर शारीरिक सक्रियता बढ़ाने और डायबिटीज़ रोकथाम के प्रयासों को मजबूत बनाएगी।

अंतरराष्ट्रीय मधुमेह महासंघ (International Diabetes Federation) IDF ने भारत की वरिष्ठ डायबिटीज़ विशेषज्ञ Dr R. M. Anjana को अपनी Physical Activity Working Group की नई चेयर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि दुनिया भर में डायबिटीज़ के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और शारीरिक निष्क्रियता (physical inactivity) को इसका बड़ा कारण माना जाता है।

Dr Anjana, Mohan’s Diabetes Specialities Centre की Managing Director और Madras Diabetes Research Foundation (MDRF) की President भी हैं। उन्हें वैश्विक स्तर पर डायबिटीज़ प्रिवेंशन और लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन पर किए गए उनके काम के लिए जाना जाता है।

अपनी नियुक्ति पर Dr Anjana ने कहा कि शारीरिक निष्क्रियता एक “ग्लोबल हेल्थ क्राइसिस” बन चुकी है। उन्होंने बताया कि WHO की गाइडलाइंस के अनुसार जितनी शारीरिक गतिविधि की जरूरत होती है, दुनिया भर में बहुत से किशोर और वयस्क उस स्तर तक नहीं पहुँच पाते। इससे मधुमेह, दिल की बीमारियों और कई तरह की गैर-संचारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

Dr Anjana ने कहा कि अपनी नई भूमिका में उनका ध्यान IDF की ACTIVE Initiative को आगे बढ़ाने पर होगा, जिसके जरिए दुनिया भर में लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में अधिक सक्रिय रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

उनका मानना है कि सिर्फ दवाइयों और मेडिकल केयर से ही डायबिटीज़ को कंट्रोल नहीं किया जा सकता — बल्कि नियमित वॉक, सरल एक्सरसाइज़, एक्टिव लाइफस्टाइल और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि Dr Anjana की नियुक्ति भारत और वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय—दोनों के लिए एक सकारात्मक संदेश देती है। इससे यह उम्मीद बढ़ी है कि डायबिटीज़ रोकथाम के लिए लाइफस्टाइल-बेस्ड इंटरवेंशंस पर और अधिक ध्यान दिया जाएगा।

IDF के अनुसार, आने वाले समय में Physical Activity Working Group दुनिया भर में ऐसे कार्यक्रम विकसित करेगी, जो समुदायों में सीधे लागू किए जा सकें और जिनका प्रभाव मापा जा सके।

इस कदम से स्वास्थ्य नीति, जागरूकता कार्यक्रमों और डायबिटीज़ रोकथाम रणनीतियों में शारीरिक सक्रियता की भूमिका और मजबूत होने की उम्मीद है।

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