गर्भावस्था के दौरान कौन-कौन से टीके ज़रूरी हैं? - डॉ अरुणा कालरा

Update: 2025-11-10 08:00 GMT

गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चों को गंभीर संक्रमणों से बचाने का सबसे असरदार तरीका है टीकाकरण (Vaccination)। गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई प्राकृतिक बदलाव आते हैं, जिससे उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता (immunity) थोड़ी कमज़ोर हो जाती है। ऐसे में कुछ संक्रमण न सिर्फ माँ के लिए, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी ख़तरनाक हो सकते हैं।

वैक्सीन माँ की सेहत की रक्षा करने के साथ-साथ बच्चे को भी शुरुआती महीनों में सुरक्षा देती है, जब वह खुद टीके नहीं लगवा सकता।

तो आइए जानते हैं – गर्भावस्था के दौरान कौन-कौन से टीके सबसे ज़रूरी हैं।

1. टिटनेस, डिफ्थीरिया और परट्यूसिस (Tdap) वैक्सीन

यह सबसे अहम टीकों में से एक है जो हर गर्भवती महिला को लगवाना चाहिए।

Tdap वैक्सीन तीन बीमारियों से बचाव करता है –

• टिटनेस

• डिफ्थीरिया

• परट्यूसिस (जिसे "काली खाँसी" या whooping cough भी कहा जाता है)

टिटनेस से तो जान का ख़तरा होता ही है, लेकिन काली खाँसी नवजात बच्चों के लिए बहुत ज़्यादा ख़तरनाक होती है, क्योंकि वे खुद इतना छोटे होते हैं कि वैक्सीन नहीं लगवा सकते।

CDC (Centers for Disease Control) के अनुसार, गर्भावस्था के 27 से 36 हफ्तों के बीच Tdap वैक्सीन लगवाना चाहिए। जितना जल्दी (इस अवधि की शुरुआत में) लगाया जाए, उतना बेहतर — ताकि माँ के शरीर में बनने वाले एंटीबॉडी प्लेसेंटा के ज़रिए बच्चे तक पहुँच सकें और जन्म के बाद शुरुआती महीनों में उसे सुरक्षा दे सकें।

2. इंफ्लुएंजा (फ्लू) वैक्सीन

गर्भावस्था के दौरान दिल, फेफड़ों और इम्यून सिस्टम में बदलावों के कारण महिलाओं को फ्लू से जटिलताएँ (complications) होने का ख़तरा ज़्यादा होता है। इन जटिलताओं में निमोनिया, प्रीमैच्योर डिलीवरी, और गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती या मृत्यु तक हो सकती है।

3. फ्लू शॉट (Inactivated flu vaccine)

हर गर्भवती महिला को लगवाने की सलाह दी जाती है — और यह किसी भी तिमाही (trimester) में सुरक्षित है। यह टीका माँ को फ्लू से बचाता है, साथ ही बच्चे को भी जन्म के बाद पहले छह महीनों तक सुरक्षा देता है — जब वह खुद टीका नहीं लगवा सकता।

4. कोविड-19 वैक्सीन

आज के समय में कोविड-19 वैक्सीन भी गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ज़रूरी है।

कोविड संक्रमण गर्भवती महिलाओं में गंभीर बीमारी, प्रीमैच्योर बर्थ और अन्य जटिलताओं का ख़तरा बढ़ा देता है।

अध्ययनों ने साबित किया है कि कोविड वैक्सीन गर्भावस्था में सुरक्षित है, और माँ के शरीर में बने एंटीबॉडी प्लेसेंटा के ज़रिए बच्चे तक पहुँचते हैं, जिससे उसे भी शुरुआती सुरक्षा मिलती है।

अन्य वैक्सीन ज़रूरत और जोखिम के अनुसार

कुछ वैक्सीन हर किसी को नहीं लगतीं, लेकिन अगर किसी महिला का स्वास्थ्य या जीवनशैली (जैसे यात्रा या संक्रमण का एक्सपोज़र) अलग है, तो डॉक्टर कुछ और टीके भी सुझा सकते हैं, जैसे:

• हेपेटाइटिस B वैक्सीन – अगर संक्रमण का जोखिम ज़्यादा हो या पहले इम्युनिटी न हो।

• हेपेटाइटिस A वैक्सीन – उन लोगों के लिए जो उन इलाकों में रहते या यात्रा करते हैं जहाँ यह संक्रमण ज़्यादा फैला है।

• मेनेनजोकॉकल और न्यूमोकोकल वैक्सीन – विशेष चिकित्सकीय स्थितियों में या संक्रमण के जोखिम वाले लोगों के लिए।

गर्भावस्था में किन टीकों से बचना चाहिए

कुछ live (जीवित वायरस वाले) टीके गर्भावस्था में नहीं लगवाने चाहिए क्योंकि उनसे भ्रूण को हल्का जोखिम हो सकता है।

इनमें शामिल हैं –

• MMR (मीज़ल्स, मम्प्स, रूबेला)

• वेरिसेला (चेचक)

अगर महिला को इन बीमारियों के लिए पहले से प्रतिरक्षा नहीं है, तो गर्भधारण से कम से कम एक महीने पहले ये टीके लगवाने चाहिए।

अंत में – एक समझदार कदम, दोहरी सुरक्षा

गर्भावस्था में वैक्सीन लगवाना सिर्फ माँ की सुरक्षा नहीं है – यह बच्चे के लिए भी पहली ढाल (first shield) बनता है।

Tdap और फ्लू वैक्सीन हर महिला के लिए ज़रूरी हैं, और कोविड वैक्सीन आज के समय की अतिरिक्त सुरक्षा है।

अपने डॉक्टर से सलाह लेकर और सही समय पर टीके लगवाकर, हर होने वाली माँ अपने बच्चे के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ शुरुआत सुनिश्चित कर सकती है।

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