श्री मधुसूदन साई आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान पूर्णतया निःशुल्क “मिनिमल इंव्हासिव टोटल एंडोस्कोपिक हृदय शल्य-चिकित्सा” प्रदान करने वाला विश्व का पहला केंद्र बना
सत्य साई ग्राम, मुद्देनहल्ली – उन्नत हृदय उपचार केवल विशेषाधिकार प्राप्त लोगों तक सीमित नहीं है, अपितु सभी के लिए है — ‘वन वर्ल्ड वन फैमिली मिशन’ के इस दृष्टिकोण से प्रेरित श्री मधुसूदन साई आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान (एसएमएसआईएमएसआर) ने पूर्णतया निःशुल्क ‘टोटल एंडोस्कोपिक हृदय शल्य-चिकित्सा’ करके एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसके साथ ही, श्री मधुसूदन साई आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान विश्व का पहला केंद्र बन गया है जो यह शल्य-चिकित्सा पूर्णतः निःशुल्क प्रदान करता है तथा भारत में इस अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने वाला तीसरा केंद्र है।
हृदय वाल्व बैंक के निदेशक एवं मुख्य हृदय शल्य-चिकित्सक डॉ. सी. एस. हिरेमत के नेतृत्व में श्री मधुसूदन साई आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान के दल ने कोलकाता स्थित मणिपाल हॉस्पिटल्स के मुख्य एंडोस्कोपिक हृदय शल्य-चिकित्सक डॉ. संदीप सरदार एवं उनके दल के सहयोग से 13 दिसंबर को एक 29 वर्षीय महिला रोगी की सफल ‘टोटल एंडोस्कोपिक हृदय शल्य-चिकित्सा’ कर उस महिला को नवजीवन प्रदान किया।
अत्याधुनिक उपकरणों की सहायता से की गई इस न्यूनतम शल्यचिकित्सा प्रक्रिया के परिणामस्वरूप 2 सेंटीमीटर से भी छोटा चीरा लगाने की आवश्यकता पड़ी और रोगिणी 72 घंटों के भीतर स्वस्थ होकर चिकित्सालय से छुट्टी प्राप्त कर सकी। यह चिकित्सीय उपलब्धि अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने में एसएमएसआईएमएसआर के चिकित्सा दल की दक्षता को रेखांकित करती है, जिससे रोगियों हेतु चीरे के न्यूनतम दाग के साथ शीघ्र स्वस्थ करने वाली सुरक्षित हृदय शल्य-चिकित्सा उपलब्ध हो सकी है।
स्वास्थ्य-सेवा में तकनीकी उत्कृष्टता एवं नवाचार के माध्यम से समाज की सेवा करने हेतु इस प्रकार के अनेक युगांतकारी उपक्रम अपनाने की तत्परता श्री मधुसूदन साई आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान तथा ‘वन वर्ल्ड वन फैमिली मिशन’ की सुदृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।