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एंजाइना: जानिए कारण, लक्षण, जांच और इलाज डॉ. प्रेम अग्रवाल से
एंजाइना मतलब सीने में दर्द या भारीपन, जो तब होता है जब दिल को उतना खून और ऑक्सीजन नहीं मिलता, जितना उसे चाहिए। ये दर्द गर्दन, जबड़े, हाथ या पीठ में भी फैल सकता है। आमतौर पर तेज़ चलने, सीढ़ियां चढ़ने या टेंशन लेने पर महसूस होता है और आराम करने से ठीक हो जाता है। लेकिन अगर बिना किसी वजह के भी दर्द बना रहे, तो यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है! 🚨
क्या एंजाइना और हार्ट अटैक एक ही चीज़ हैं?
नहीं, एंजाइना हार्ट अटैक नहीं होता, लेकिन यह हार्ट अटैक का संकेत जरूर हो सकता है।
एंजाइना दिल तक खून की कमी की वजह से होता है, जिससे सीने में दर्द या दबाव महसूस होता है। यह अस्थायी होता है और अक्सर आराम करने या दवा लेने से ठीक हो जाता है।
लेकिन अगर दर्द अचानक, बहुत तेज हो और आराम करने पर भी न जाए, तो यह अनस्टेबल एंजाइना हो सकता है, जो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकता है। इसलिए, अगर एंजाइना के लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए!
क्या एंजाइना और हार्ट अटैक एक ही चीज़ हैं?
नहीं, एंजाइना हार्ट अटैक नहीं होता, लेकिन यह हार्ट अटैक का संकेत जरूर हो सकता है।
एंजाइना दिल तक खून की कमी की वजह से होता है, जिससे सीने में दर्द या दबाव महसूस होता है। यह अस्थायी होता है और अक्सर आराम करने या दवा लेने से ठीक हो जाता है।
लेकिन अगर दर्द अचानक, बहुत तेज हो और आराम करने पर भी न जाए, तो यह अनस्टेबल एंजाइना हो सकता है, जो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकता है। इसलिए, अगर एंजाइना के लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए
एंजाइना होने के कारण
एंजाइना ज्यादातर दिल की नसों (arteries) में प्लाक (plaque) जमने की वजह से होता है। ये प्लाक फैट और कोलेस्ट्रॉल से बना होता है, जो धीरे-धीरे धमनियों को संकरा या ब्लॉक कर देता है, जिससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है और दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती।
इसके अलावा, एंजाइना इन कारणों से भी हो सकता है:
🔹 आर्टरी में अचानक मसल स्पैज्म (spasm) – कभी-कभी दिल की नसों की मांसपेशियां अचानक सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो रुक सकता है।
🔹 छोटी आर्टरी डिजीज (Small Artery Disease) – जब बहुत पतली धमनियां भी ठीक से ब्लड सप्लाई नहीं कर पातीं।
🔹 हार्ट वॉल्व की समस्या – अगर हार्ट वॉल्व ठीक से काम नहीं कर रहे, तो दिल पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है।
🔹 धमनी में टियर (Tear in Artery) – कभी-कभी दिल की धमनियों में हल्की फट (tear) आ जाती है, जिससे ब्लड फ्लो रुक सकता है।
🔹 दिल की कमजोरी (Weak Heart Muscle) – अगर हार्ट मसल्स कमजोर हो जाएं, तो खून को सही तरीके से पंप नहीं कर पाते, जिससे एंजाइना हो सकता है।
अगर बार-बार या बिना किसी कारण के सीने में दर्द हो, तो इसे हल्के में मत लीजिए—डॉक्टर से तुरंत सलाह लें!
एंजाइना होने का खतरा किन चीजों से बढ़ता है?
कुछ चीजें दिल की नसों पर ज्यादा प्रेशर डालती हैं और ब्लड फ्लो कम कर देती हैं, जिससे एंजाइना का खतरा बढ़ जाता है।
मुख्य कारण (Main Risks):
🔴 हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol): अगर खून में ज्यादा कोलेस्ट्रॉल है, तो यह धमनियों में जमकर उन्हें संकरा कर सकता है।
🔴 हाई ब्लड प्रेशर (BP ज़्यादा होना): ज़्यादा ब्लड प्रेशर दिल और नसों पर स्ट्रेस बढ़ाता है।
🔴 डायबिटीज (Diabetes): शुगर ज्यादा होने से धमनियां जल्दी खराब हो सकती हैं।
🔴 फैमिली हिस्ट्री (Family History): अगर घर में किसी को दिल की बीमारी रही हो, तो खतरा बढ़ सकता है।
🔴 कम शारीरिक गतिविधि (Not Exercising): अगर आप बैठे-बैठे ज्यादा समय बिताते हैं और वर्कआउट नहीं करते, तो दिल की नसें कमजोर हो सकती हैं।
🔴 रेडिएशन थेरेपी (Radiation Treatment): अगर बायें सीने (left chest) पर रेडिएशन लिया हो, तो इससे दिल की नसें डैमेज हो सकती हैं।
अन्य जोखिम (Other Risks):
🚬 तंबाकू या सिगरेट (Tobacco Use): स्मोकिंग धमनियों को नुकसान पहुंचाती है और ब्लड फ्लो कम करती है।
⚖ बहुत ज्यादा वजन (Being Overweight): मोटापा दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
🍔 अस्वस्थ खान-पान (Eating Junk Food): ज्यादा अनहेल्दी फैट वाला खाना नसों में प्लाक जमा सकता है।
😞 तनाव और डिप्रेशन (Stress & Depression): ज्यादा टेंशन या मानसिक दबाव हार्ट पर बुरा असर डाल सकता है।
💉 नशीली दवाएं (Illegal Drugs like Cocaine): कोकेन जैसी ड्रग्स दिल की धमनियों को सिकोड़ सकती हैं, जिससे एंजाइना या हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
👉 अगर आपको इनमें से कोई भी रिस्क फैक्टर है, तो अभी से लाइफस्टाइल में बदलाव करें और अपने दिल का ख्याल रखें!
एंजाइना के लक्षण
हर किसी में दिखने वाले लक्षण:
💢 सीने में दर्द (Chest Pain) – ये दर्द दबाव, भारीपन, कसाव या जलन जैसा महसूस हो सकता है।
💢 लगातार या रुक-रुक कर दर्द – कुछ मिनटों तक रह सकता है और फिर आकर-चला जाता है।
💢 गर्दन, बांह, जबड़े या पीठ में दर्द – खासकर बाएं हाथ या जबड़े में दर्द फैल सकता है।
💢 हार्टबर्न या अपच (Indigestion-like feeling) – बिना किसी वजह के सीने में जलन या गैस जैसा महसूस हो सकता है।
💢 सांस लेने में तकलीफ (Shortness of Breath) – हल्की एक्टिविटी करने पर भी दम घुटने जैसा लग सकता है।
💢 मिचली आना (Nausea) – ऐसा महसूस होना जैसे उल्टी आने वाली हो।
💢 अचानक पसीना आना (Cold Sweat) – बिना किसी कारण ठंडा पसीना छूट सकता है।
⚠️ महिलाओं में एंजाइना के लक्षण अक्सर अलग या कमज़ोर महसूस हो सकते हैं, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है। कई बार महिलाओं को क्लासिक सीने में दर्द नहीं होता, बल्कि कुछ अलग तरह के संकेत दिखते हैं।
महिलाओं में एंजाइना के अलग लक्षण:
🚺 थकान या कमजोरी (Extreme Fatigue) – बिना किसी वजह के बहुत ज्यादा थकान महसूस होना।
🚺 बेचैनी या घबराहट (Anxiety & Worry) – अचानक घबराहट या स्ट्रेस ज्यादा महसूस होना।
🚺 चक्कर आना या बेहोशी (Dizziness or Fainting) – सिर हल्का लगना या अचानक गिरने जैसा महसूस होना।
👉 अगर ये लक्षण दिखें, तो इसे हल्के में ना लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें!
एंजाइना का डायग्नोस कैसे किया जाता है?
अगर डॉक्टर को एंजाइना (Angina) का शक होता है, तो वे कुछ टेस्ट्स और जांचें कर सकते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि दिल की नसों में कोई ब्लॉकेज तो नहीं है।
🩺 1. आपकी मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों की जांच – डॉक्टर आपके लक्षण, सीने में दर्द की प्रकृति, ट्रिगर फैक्टर और फैमिली हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे।
🩸 2. ब्लड टेस्ट (Blood Tests) – यह चेक करने के लिए कि कोलेस्ट्रॉल, शुगर या कोई और हार्ट डिजीज का संकेत तो नहीं है।
📉 3. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG/EKG) – यह दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड करता है और यह देखने में मदद करता है कि कोई असामान्यता तो नहीं है।
🏃♂️ 4. स्ट्रेस टेस्ट (Stress Test) – आपको ट्रेडमिल पर चलाया या दौड़ाया जाता है ताकि देखा जा सके कि फिजिकल एक्टिविटी के दौरान दिल पर कितना दबाव पड़ता है और ब्लड फ्लो सही से हो रहा है या नहीं।
🖥 5. सीटी एंजियोग्राफी (CT Angiography) – यह स्कैनिंग टेस्ट होता है जो दिल और उसकी धमनियों में ब्लड फ्लो को देखने में मदद करता है।
🩻 6. कोरोनरी एंजियोग्राफी (Coronary Angiography) – इसमें एक डाई (contrast dye) इंजेक्ट की जाती है और X-ray से देखा जाता है कि दिल की नसों में कोई ब्लॉकेज है या नहीं।
एंजाइना का इलाज
एंजाइना को कंट्रोल करने के लिए दवाइयों, प्रोसिजर या सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है, जो इस पर निर्भर करता है कि ब्लॉकेज कितना गंभीर है।
1. दवाइयां (Medicines)
💊 ब्लड क्लॉट बनने से रोकने के लिए – Aspirin (एस्पिरिन) या ब्लड थिनर (ब्लड थिनर) दवाइयां दी जाती हैं ताकि धमनियों में खून सही से बह सके।
💊 ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करके ब्लड फ्लो बढ़ाने के लिए – Nitroglycerin (नाइट्रोग्लिसरीन) या Calcium Channel Blockers (कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स) दी जाती हैं, जो धमनियों को फैलाकर ब्लड फ्लो सुधारती हैं।
💊 ब्लड प्रेशर कम करने के लिए – Beta-blockers (बीटा-ब्लॉकर्स) और ACE-inhibitors (एसीई-इनहिबिटर) दिल पर पड़ने वाला दबाव घटाते हैं।
💊 कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए – Statins (स्टैटिन्स) दी जाती हैं, जिससे धमनियों में प्लाक जमने की संभावना कम हो जाती है।
2. एंजियोप्लास्टी और स्टेंट
अगर धमनियां बहुत ज्यादा संकरी या ब्लॉक हो जाती हैं, तो एंजियोप्लास्टी की जाती है। इसमें:
🔹 ब्लॉक नस में एक छोटा बैलून डाला जाता है, जिससे नस खुल जाती है।
🔹 एक छोटी मेटल ट्यूब (स्टेंट) रखी जाती है, जो आर्टरी को खुला रखने में मदद करती है।
3. बायपास सर्जरी
अगर ब्लॉकेज ज्यादा है और एंजियोप्लास्टी से फायदा नहीं हो सकता, तो बायपास सर्जरी की जाती है। इसमें:
🔹 शरीर के किसी दूसरे हिस्से की नस का इस्तेमाल करके दिल की ब्लॉक नस को बायपास किया जाता है।
🔹 इससे ब्लड रुकावट वाली जगह को क्रॉस करके आसानी से बह सकता है।
👉 अगर दवाइयों से राहत नहीं मिल रही है, तो डॉक्टर सर्जरी या एंजियोप्लास्टी की सलाह दे सकते हैं। इसलिए, लक्षणों को नजरअंदाज न करें और सही समय पर इलाज कराएं!
घर पर एंजाइना का सही तरीके से ध्यान कैसे रखें?
अगर आपको एंजाइना है, तो डेली लाइफस्टाइल में कुछ ज़रूरी बदलाव करने होंगे ताकि दिल मजबूत रहे और तकलीफ न बढ़े।
1. दवाइयां (Medicines)
💊 दवाइयां डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही लें।
❌ बिना डॉक्टर की सलाह के ये दवाइयां न लें:
🔹 NSAIDs (एनएसएआईडी), जैसे ibuprofen (इबुप्रोफेन) और naproxen (नेप्रोक्सेन)।
🔹 विटामिन A और विटामिन E वाले सप्लीमेंट्स।
🔹 oestrogen (एस्ट्रोजन) या progestogen (प्रोजेस्टोजन) वाली हार्मोन थेरेपी।
2. खान-पान (Eating & Drinking)
🥗 हेल्दी डाइट अपनाएं:
✔ ताज़ा फल और सब्जियां ज्यादा खाएं।
✔ होल ग्रेन्स (Whole Grains) शामिल करें।
✔ कम फैट वाला प्रोटीन और डेयरी प्रोडक्ट्स खाएं।
🍔 ❌ तला-भुना और जंक फूड अवॉयड करें।
💧 डॉक्टर की सलाह के अनुसार क्या खाना-पीना है, इस पर ध्यान दें।
3. शारीरिक गतिविधि (Activity)
🏃♂️ नियमित एक्सरसाइज करें, लेकिन ज्यादा थकान महसूस होने पर ब्रेक लें।
💖 कार्डिएक रिहैब (Cardiac Rehab) के बारे में डॉक्टर से बात करें।
😴 अगर पहले से ही थकान महसूस होती है, तो पहले से ब्रेक प्लान करें।
4. लाइफस्टाइल में बदलाव (Lifestyle Changes)
🚭 धूम्रपान, वेपिंग और तंबाकू के किसी भी रूप से बचें।
🍷 अगर डॉक्टर अनुमति देते हैं, तो शराब सीमित मात्रा में ही लें:
✅ महिलाओं के लिए: 0-1 ड्रिंक प्रति दिन।
✅ पुरुषों के लिए: 0-2 ड्रिंक प्रति दिन।
❗ ध्यान दें कि आपके ड्रिंक में कितनी मात्रा में अल्कोहल है।
5. सामान्य निर्देश (General Instructions)
⚖ स्वस्थ वजन बनाए रखें। अगर वजन कम करने की जरूरत है, तो डॉक्टर की मदद से सेफ तरीके से वजन कम करें।
💉 सभी टीके समय पर लगवाएं। हर साल फ्लू वैक्सीन लें।
😌 तनाव को मैनेज करना सीखें। जरूरत हो, तो डॉक्टर से मदद लें।
😔 अगर डिप्रेशन महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से बात करें।
🩺 डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी दूसरी बीमारियों को सही से मैनेज करें।
📅 डॉक्टर से रेगुलर फॉलो-अप अपॉइंटमेंट्स लें ताकि आपकी सेहत पर नज़र रखी जा सके।
👉 इन टिप्स को फॉलो करने से आप अपने दिल को हेल्दी रख सकते हैं और एंजाइना की परेशानी को कंट्रोल कर सकते हैं।
तुरंत मदद लें अगर:
अगर आपको नीचे दिए गए लक्षण महसूस हों, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत इमरजेंसी मेडिकल हेल्प लें।
💢 सीने, गर्दन, हाथ, जबड़े या पीठ में दर्द हो और यह:
🔹 बार-बार होने लगे।
🔹 कुछ मिनटों से ज्यादा समय तक बना रहे।
🔹 चला जाए और फिर वापस आ जाए।
🔹 दवा (जो जीभ के नीचे रखी जाती है) लेने के बाद भी ठीक न हो।
😵 अचानक चक्कर आए या सिर हल्का लगे।
😨 बेहोश हो जाएं।
🥶 इनमें से कोई भी लक्षण एक साथ दिखें:
🔹 ठंडा पसीना आना।
🔹 हार्टबर्न या पेट में जलन महसूस होना।
🔹 सांस लेने में परेशानी होना।
🔹 मतली महसूस होना या उल्टी आना।
🔹 बहुत ज्यादा थकान या कमजोरी लगना।
🔹 घबराहट या बेचैनी महसूस होना।
⚠️ ये लक्षण इमरजेंसी हो सकते हैं, इसलिए तुरंत मेडिकल हेल्प लें।
🚑 लोकल इमरजेंसी नंबर पर तुरंत कॉल करें।
❌ इंतजार न करें कि लक्षण खुद ठीक हो जाएंगे।
❌ खुद गाड़ी चलाकर हॉस्पिटल न जाएं।
Meghna A Singhania is the founder and Editor-in-Chief at Medical Dialogues. An Economics graduate from Delhi University and a post graduate from London School of Economics and Political Science, her key research interest lies in health economics, and policy making in health and medical sector in the country.She is a member of the Association of Healthcare Journalists. She can be contacted at editorial@medicaldialogues.in. Contact no. 011-43720751
Dr Prem Aggarwal, (MD Medicine, DNB Cardiology) is a Cardiologist by profession and also the Co-founder of Medical Dialogues. He is the Chairman of Sanjeevan Hospital in Central Delhi and also serving as the member of Delhi Medical Council

