नई दिल्ली- भारत में मुंह का कैंसर एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। एक नए वैज्ञानिक अध्ययन में सामने आया है कि देश में मुंह के कैंसर के लगभग 62 प्रतिशत मामलों के पीछे शराब और धुआं-रहित तंबाकू उत्पादों का संयुक्त सेवन मुख्य कारण है। इसमें गुटखा, खैनी, पान और स्थानीय स्तर पर बनी शराब का बड़ा योगदान पाया गया है।

यह अध्ययन महाराष्ट्र स्थित सेंटर फॉर कैंसर एपिडेमियोलॉजी और होमी भाभा नेशनल इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। शोध में बताया गया है कि शराब का सेवन—even कम मात्रा में—मुंह के कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है। उदाहरण के तौर पर, दिन में 2 ग्राम से कम बीयर पीने से भी बक्कल म्यूकोसा (गाल की अंदरूनी परत) कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है, जबकि दिन में लगभग 9 ग्राम शराब (एक स्टैंडर्ड ड्रिंक) लेने से यह खतरा करीब 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

जब शराब का सेवन धुआं-रहित तंबाकू के साथ किया जाता है, तो इसका प्रभाव और अधिक घातक हो जाता है। शोध के अनुसार, यह संयोजन भारत में मुंह के कैंसर के कुल मामलों में से लगभग 62 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है।

अंतरराष्ट्रीय जर्नल BMJ Global Health में प्रकाशित इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि भारत में बक्कल म्यूकोसा कैंसर के लगभग 11.5 प्रतिशत मामले सिर्फ शराब के कारण होते हैं। मेघालय, असम और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में यह प्रतिशत और अधिक पाया गया है, जहां कुछ इलाकों में यह दर 14 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

शोध टीम का नेतृत्व करने वाली वैज्ञानिक ग्रेस सारा जॉर्ज के अनुसार, शराब में मौजूद इथेनॉल मुंह की अंदरूनी परत को कमजोर कर देता है, जिससे यह तंबाकू में मौजूद कैंसर पैदा करने वाले तत्वों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है। इसके अलावा, स्थानीय रूप से बनी शराब में अक्सर मेथनॉल और एसीटैल्डिहाइड जैसे जहरीले तत्वों की मिलावट पाई जाती है, जो कैंसर का खतरा और बढ़ा देती है।

मुंह का कैंसर भारत में दूसरा सबसे आम कैंसर है। हर साल देश में इसके लगभग 1.43 लाख नए मामले सामने आते हैं, जबकि करीब 80 हजार लोगों की इससे मौत हो जाती है। यह बीमारी खासतौर पर पुरुषों में अधिक पाई जाती है और हर एक लाख पुरुषों में लगभग 15 लोग इससे प्रभावित होते हैं।

अध्ययन में 2010 से 2021 के बीच पांच अलग-अलग केंद्रों से 1,803 कैंसर मरीजों और 1,903 स्वस्थ लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। अधिकांश मरीजों की उम्र 35 से 54 वर्ष के बीच थी, जबकि लगभग आधे मरीज 25 से 45 वर्ष की उम्र के थे, जो चिंता का विषय है।

शोधकर्ताओं ने साफ तौर पर कहा है कि शराब पीने की कोई सुरक्षित सीमा नहीं है। मुंह के कैंसर को रोकने के लिए शराब और तंबाकू दोनों के सेवन पर सख्त नियंत्रण और प्रभावी जन-स्वास्थ्य नीतियों की तत्काल जरूरत है। (With Inputs From IANS)

Dr. Bhumika Maikhuri
Dr. Bhumika Maikhuri

Dr Bhumika Maikhuri is a Consultant Orthodontist at Sanjeevan Hospital, Delhi. She is also working as a Correspondent and a Medical Writer at Medical Dialogues. She completed her BDS from Dr D Y patil dental college and MDS from Kalinga institute of dental sciences. Apart from dentistry, she has a strong research and scientific writing acumen. At Medical Dialogues, She focusses on medical news, dental news, dental FAQ and medical writing etc.