जोड़ों में दर्द की वजह आप खुद? ये आदतें हो सकती हैं जिम्मेदार

रोज़मर्रा की छोटी आदतें भी जोड़ों को नुकसान पहुँचा सकती हैं – समय रहते सावधान रहें और सही बदलाव अपनाएँ

Update: 2025-12-06 05:00 GMT

आजकल कई लोग अपने काम‑जीवन या पढ़ाई में दिन भर बैठे रहते हैं, फोन पर लगातार काम करते हैं, या भारी बैग लेकर चलते हैं — लेकिन ये सामान्य आदतें आपके जोड़ों (जोड़, हिप्स, स्पाइन, घुटने) को धीरे‑धीरे कमजोर बना सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन आदतों को अनदेखा करना भविष्य में गठिया या जोड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

बहुत देर तक एक ही स्थिति में बैठना या खड़ा रहना, मांसपेशियों और जोड़ों की लचीलापन कम कर देता है। इससे जब आप चलते‑फिरते हैं, तो जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे सूजन, दर्द और अकड़न हो सकती है।

वहीं, बहुत भारी बैग या पर्स रोजाना उठाने‑ले जाने से कंधे, रीढ़ और गर्दन के जोड़ों पर गलत तरह का दबाव पड़ता है। इससे नसों और कार्टिलेज पर असर हो सकता है, जो गठिया की शुरुआती चेतावनियाँ हो सकती हैं।

अनुचित भोजन और असंतुलित डाइट भी जोड़ स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। प्रोसेस्ड फूड्स, ज़्यादा चीनी, अधिक तली-भुनी चीजें और बादाम‑नट्स जैसे स्वस्थ वसा न होने से शरीर में सूजन बढ़ती है, जो जोड़ों में दर्द और जलन को बढ़ा सकती है।

मोटापा या आवश्यकता से अधिक वजन होना भी जोड़ों पर भार बढ़ाता है — खासकर घुटनों, हिप्स और रीढ़ पर। हर अतिरिक्त पौंड (किलो) आपके जोड़ों की कार्टिलेज पर बोझ बढ़ाता है, जिससे जोड़ों के घिसाव (wear and tear) की संभावना बढ़ जाती है।

जोड़ों के लिए हानिकारक आदतें 

  • लंबे समय तक बैठे रहना या ही स्थिति में बने रहना — जोड़ों की रक्त‑संचालन और लचीलापन गिराता है।
  • रोज़ भारी बैग या पर्स उठाना/ले जाना — postura और नसों पर दबाव, जोड़ों में असंतुलन।
  • अस्वस्थ, प्रोसेस्ड या सूजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन — जोड़ों में इन्फ्लेमेशन का कारण।
  • धूम्रपान — जोड़ों को पोषण कम मिलता है, जोड़ों की कार्टिलेज व हड्डियों की सेहत बिगड़ती है।
  • ज़्यादा वजन — जोड़‑चार्टिलेज पर अधिक दबाव, घिसाव व दर्द।

सुरक्षित जीवनशैली — स्वस्थ जोड़

जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए सक्रिय रहना बेहद ज़रूरी है। रोज़ाना हल्की-फुल्की वॉक, स्ट्रेचिंग, योग, तैराकी या साइक्लिंग जैसी एक्सरसाइज करें — इससे जोड़ों में लचीलापन बना रहेगा और मांसपेशियां मजबूत होंगी।

बैलेंस्ड डाइट, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, ताज़ी सब्जियाँ-फल, ओमेगा‑3 फैटी एसिड हों — कार्टिलेज और जोड़ों की सेहत बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, धूम्रपान छोड़ें, वजन नियंत्रित रखें और शराब व मीठे/प्रोसेस्ड खाने से बचें।

अगर जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन लगातार बनी रहे — तो समय पर डॉक्टर से मिलना चाहिए। शुरुआत में सही देखभाल व व्यायाम से स्थिति नियंत्रित हो सकती है और आगे की परेशानी टाली जा सकती है।

हमारी रोजमर्रा की कुछ “छोटी‑छोटी” आदतें — जैसे लंबे समय तक बैठना, भारी बैग उठाना, अस्वस्थ खानपान — जोड़ों के लिए ठहरे खतरों की तरह काम करती हैं। लेकिन थोड़ी जागरूकता, संतुलित जीवनशैली, नियमित हल्की एक्सरसाइज और स्वस्थ खानपान से हम अपने जोड़ लंबे समय तक मजबूत रख सकते हैं।

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