आज के डिजिटल युग में मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप जैसे गैजेट्स पर लंबे समय तक काम करना आम हो गया है। इसके चलते आंखों पर अधिक दबाव पड़ता है और आंखों की थकान, जलन, धुंधली दृष्टि जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे समय में 'नेत्र शक्ति विकासक' का अभ्यास आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है।
मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा के विशेषज्ञों के अनुसार, 'नेत्र शक्ति विकासक' एक सरल योग क्रिया है, जो आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और दृष्टि सुधारने में मदद करती है। यह त्राटक का एक रूप है, जिसमें भौंहों के बीच एक बिंदु पर दृष्टि स्थिर रखी जाती है।
इस अभ्यास को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हों और दोनों पैरों को कंधे की चौड़ाई जितना फैलाएं। शरीर को पूरी तरह सीधा रखें और गर्दन को हल्का पीछे की ओर झुकाएं, जैसे सिर ऊपर की तरफ हो। अब आंखों की पूरी ताकत लगाते हुए भौंहों के बीच के बिंदु (भ्रूमध्य) पर बिना पलक झपकाए दृष्टि को स्थिर रखें।
योग विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि अभ्यास के दौरान आंखों में थकान या जलन महसूस हो, तो आंखें बंद करके कुछ पल आराम करें और फिर अभ्यास दोबारा शुरू करें। शुरुआत में इसे केवल 5 मिनट तक करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अधिक जोर न डालें।
नियमित अभ्यास से आंखों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, दृष्टि स्थिर रहती है और मानसिक शांति भी मिलती है। यह क्रिया बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए सुरक्षित मानी जाती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि गंभीर आंखों की समस्या होने पर पहले योग विशेषज्ञ या नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।
'नेत्र शक्ति विकासक' के नियमित अभ्यास से आंखों की थकान कम होती है, ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है, और लंबे समय तक डिजिटल स्क्रीन के सामने काम करने पर भी आंखें स्वस्थ रहती हैं। यह सरल योग अभ्यास रोजाना कुछ मिनट ही करने से आंखों की सुरक्षा और दृष्टि सुधार में मदद कर सकता है।
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With Inputs from IANS