सर्दियों में मोजे पहनने पर भी पैरों में ठंड? अपनाएं ये घरेलू उपाय
सर्दियों में पैरों की ठंड से राहत पाने के लिए ये आसान घरेलू उपाय रक्त संचार बढ़ाकर तुरंत आराम दिलाने में मदद करते हैं।
सर्दियों में मोज़े पहनने के बाद भी पैरों में ठंड लगती है? गर्म पानी, तेल मालिश और सही आहार से पाएं तुरंत राहत।
नई दिल्ली: सर्दियों में ठंडी हवाएं, बारिश और ओस का असर सिर्फ चेहरे और हाथों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पैरों पर भी पड़ता है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि ऊनी मोज़े या गर्म जूते पहनने के बावजूद पैरों के तलवे बहुत जल्दी ठंडे होकर बर्फ जैसे महसूस होने लगते हैं। इसके पीछे मुख्य वजह पैरों तक पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन का न पहुंच पाना है।
जब पैरों में ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, तो वे ठंडे और सुन्न लगने लगते हैं। इस परेशानी से राहत पाने के लिए कुछ सरल और प्रभावी घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं, जो पैरों को गर्म रखने के साथ-साथ रक्त संचार को भी बेहतर बनाते हैं।
गर्म पानी का इस्तेमाल:
पैरों की ठंडक दूर करने का आसान तरीका है उन्हें कुछ देर गर्म पानी में डुबोकर रखना। इससे ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है और मांसपेशियों की जकड़न कम होती है। पानी में थोड़ा नमक मिलाने से थकान और ठंडक दोनों में राहत मिलती है। इसके अलावा, गर्म तौलिये से पैरों को सेकना भी फायदेमंद रहता है।
हीटिंग पैड:
पैरों को जल्दी गर्म करने के लिए हीटिंग पैड एक कारगर उपाय है। रात में सोने से पहले पैरों पर हीटिंग पैड रखने से मांसपेशियों का तनाव कम होता है और ब्लड फ्लो बेहतर होता है। बाहर जाने से पहले मोज़े और जूते पहनने से पहले पैरों को गर्म करना भी लाभकारी साबित हो सकता है। यह आसानी से बाजार या ऑनलाइन उपलब्ध है।
तेल से मालिश:
सरसों के तेल में थोड़ी अजवाइन मिलाकर उसे हल्का गर्म करें और पैरों के तलवों की मालिश करें। इससे रक्त संचार बढ़ता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर होती है। नियमित मालिश से पैरों की ठंडक और सुन्नपन में कमी आती है।
संतुलित आहार:
कभी-कभी पैरों की ठंडक पोषण की कमी के कारण भी होती है। आयरन की कमी से यह समस्या बढ़ सकती है, इसलिए हरी सब्जियां, पालक और दालें डाइट में शामिल करें। साथ ही, विटामिन बी12 रेड ब्लड सेल्स बनाने में मदद करता है, जिससे रक्त संचार सुधरता है।
इसके अलावा, पैरों को नियमित रूप से हिलाते-डुलाते रहें, लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने या खड़े रहने से बचें। हमेशा सही साइज के जूते और मोज़े पहनें, ताकि ब्लड सर्कुलेशन बाधित न हो। (With inputs from IANS)