खून की जांच से पहचाना जा सकेगा दिल की गंभीर बीमारी का खतरा: Guardian रिपोर्ट

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ब्लड टेस्ट खोजा है, जो हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM) से पीड़ित लोगों में गंभीर जटिलताओं के खतरे का पहले ही अनुमान लगा सकता है।

Update: 2025-12-27 05:00 GMT

दुनिया की सबसे आम आनुवंशिक हृदय बीमारी हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM) को लेकर एक बड़ी और उम्मीद जगाने वाली खबर सामने आई है। The Guardian की रिपोर्ट के अनुसार, हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी समेत कई प्रतिष्ठित संस्थानों के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ब्लड टेस्ट विकसित किया है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि HCM से पीड़ित किस मरीज को सबसे ज्यादा खतरा है।

इस अध्ययन में करीब 700 HCM मरीजों के खून में NT-proBNP नामक प्रोटीन का स्तर मापा गया। यह प्रोटीन दिल की सामान्य पंपिंग प्रक्रिया के दौरान निकलता है, लेकिन जब इसका स्तर ज्यादा होता है, तो इसका मतलब है कि दिल पर जरूरत से ज्यादा दबाव पड़ रहा है।

शोध में पाया गया कि जिन मरीजों में NT-proBNP का स्तर सबसे ज्यादा था, उनमें दिल में खून का प्रवाह कम था, ज्यादा स्कार टिश्यू था और दिल की बनावट में ऐसे बदलाव थे, जो आगे चलकर एट्रियल फिब्रिलेशन या हार्ट फेल्योर जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर कैरोलिन हो ने The Guardian से कहा कि यह टेस्ट डॉक्टरों को “सही मरीज को, सही समय पर, सही इलाज” देने में मदद कर सकता है। इससे हाई-रिस्क मरीजों को समय रहते जीवनरक्षक इलाज मिल सकता है, जबकि कम जोखिम वाले मरीज बेवजह के इलाज से बच सकते हैं।

यूके की 34 वर्षीय मरीज लारा जॉनसन ने बताया कि HCM के साथ जीना सबसे ज्यादा अनिश्चितता भरा होता है। उनके मुताबिक, अगर एक साधारण ब्लड टेस्ट से भविष्य के खतरे का अंदाजा पहले लग जाए, तो यह मरीजों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत होगी।

इस रिसर्च को फंड करने वाली British Heart Foundation ने कहा कि यह खोज दुनियाभर के HCM मरीजों के इलाज की दिशा बदल सकती है और भविष्य में नई उपचार विधियों का रास्ता खोल सकती है।

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