जापान : क्योटो में फैला बर्ड फ्लू, सीजन में इस तरह का 9वां मामला

Update: 2025-12-25 05:00 GMT

टोक्यो- जापान के क्योटो प्रांत में बर्ड फ्लू (हाईली पैथोजेनिक एवियन इन्फ्लूएंजा) का एक नया मामला सामने आया है, जिससे प्रशासन और स्वास्थ्य एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गई हैं। कृषि मंत्रालय द्वारा की गई पुष्टि के अनुसार, यह मामला क्योटो के कामेओका शहर में स्थित एक बड़े पोल्ट्री फार्म से जुड़ा है। यह इस सीजन में जापान में सामने आया बर्ड फ्लू का नौवां मामला है।

जिस पोल्ट्री फार्म में संक्रमण की पुष्टि हुई है, वहां लगभग 2 लाख 80 हजार अंडा देने वाली मुर्गियां पाली जा रही थीं। मंगलवार को स्थानीय प्रशासन को फार्म में असामान्य गतिविधि और मुर्गियों में बीमारी के लक्षण दिखने की सूचना मिली थी। इसके बाद तुरंत रैपिड एवियन इन्फ्लूएंजा टेस्ट किया गया, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अगले दिन की गई जेनेटिक जांच में यह साफ हो गया कि वायरस अत्यधिक खतरनाक श्रेणी का एवियन इन्फ्लूएंजा है।

संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए प्रशासन ने तुरंत सख्त कदम उठाए हैं। नियमों के तहत फार्म में मौजूद सभी मुर्गियों को मारकर नष्ट किया जाएगा। इसके बाद उन्हें सुरक्षित तरीके से जलाकर जमीन में दफन किया जाएगा, ताकि वायरस का दोबारा प्रसार न हो सके।

इसके अलावा, फार्म के तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी पोल्ट्री फार्मों से मुर्गियों और अंडों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। वहीं, तीन से दस किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित फार्मों को भी बाहर के इलाकों में पोल्ट्री उत्पाद भेजने की अनुमति नहीं दी गई है।

वायरस के और अधिक फैलाव को रोकने के लिए प्रभावित क्षेत्र में व्यापक स्तर पर कीटाणुनाशक छिड़काव किया जा रहा है। बीमारी की जांच और निगरानी के लिए एक विशेष टीम को मौके पर तैनात किया गया है। जरूरत पड़ने पर कृषि मंत्रालय के विशेषज्ञ भी घटनास्थल पर भेजे जाएंगे।

जापान में आमतौर पर बर्ड फ्लू का प्रकोप शरद ऋतु से लेकर वसंत ऋतु तक देखा जाता है। इस मौजूदा मौसम में अब तक सामने आए आठ मामलों में करीब 24 लाख मुर्गियों को मारना पड़ा है। इस सीजन का पहला मामला 22 अक्टूबर को देश के सबसे उत्तरी प्रांत होक्काइडो में दर्ज किया गया था।

बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है, मुख्य रूप से जंगली पक्षियों और मुर्गियों को प्रभावित करता है। यह वायरस आमतौर पर H5N1 और H9N2 जैसे सब-टाइप्स से फैलता है। हालांकि, इंसानों में इसका संक्रमण दुर्लभ है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से नहीं फैलता। ज्यादातर मानव संक्रमण संक्रमित जीवित या मृत मुर्गियों के सीधे संपर्क में आने से होते हैं।

प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और पोल्ट्री उत्पादों को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

(With Inputs From IANS)

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