आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में खानपान और दिनचर्या सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। समय की कमी, बैठकर काम करने की आदत और तनाव भरी जिंदगी शरीर के मेटाबॉलिज्म को धीरे-धीरे बिगाड़ देती है। डायबिटीज भी ऐसी ही बीमारी है, जो सालों में विकसित होती है — अचानक नहीं।
सिर्फ मीठा नहीं, गलत समय पर खाना भी वजह
अक्सर माना जाता है कि डायबिटीज सिर्फ मीठा खाने से होती है, लेकिन सच्चाई यह है कि गलत समय पर और गलत तरीके से खाया गया कोई भी भोजन शुगर बढ़ा सकता है। तला-भुना खाना, जंक फूड, मैदा, डिब्बाबंद चीज़ें और बाहर का प्रोसेस्ड फूड पैंक्रियाज पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं, जिससे इंसुलिन का संतुलन बिगड़ता है।
दिनभर बैठना — सबसे बड़ा खतरा
आज ज्यादातर लोग घंटों कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं। शारीरिक गतिविधि कम होने से शरीर ग्लूकोज का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता। नतीजा यह होता है कि शुगर खून में ही जमा रहने लगती है और इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है।
नींद की कमी बिगाड़ती है हार्मोन बैलेंस
नींद पूरी न होना सिर्फ थकान नहीं देता, बल्कि हार्मोनल गड़बड़ी भी पैदा करता है। नींद के दौरान शरीर खुद को रिपेयर करता है। नींद कम होने से इंसुलिन की कार्यक्षमता घटती है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
तनाव भी बढ़ाता है शुगर
लगातार तनाव लेने से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है। यह हार्मोन सीधे तौर पर ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है। लंबे समय तक तनाव में रहने वाले लोगों में डायबिटीज का जोखिम ज्यादा पाया जाता है।
बार-बार खाना भी नुकसानदायक
थोड़ी-थोड़ी देर में खाते रहना इंसुलिन को आराम नहीं करने देता। भोजन पचाने में शरीर को समय चाहिए। बार-बार खाने से शुगर बार-बार बढ़ती है, जो डायबिटीज को न्योता देती है।
कैसे बचें?
नियमित व्यायाम करें, समय पर और संतुलित भोजन लें, मीठे और प्रोसेस्ड फूड से दूरी रखें, पर्याप्त नींद लें और तनाव को नियंत्रित करें। छोटी-छोटी आदतों में बदलाव कर डायबिटीज से काफी हद तक बचा जा सकता है।