एम्स में स्किन डोनेशन पर राष्ट्रीय मंथन: जागरूकता और देश में स्किन बैंकिंग मजबूत करने पर जोर
एम्स दिल्ली में राष्ट्रीय स्किन डोनेशन-बैंकिंग brainstorming, जागरूकता व स्किन रिट्रीवल की चुनौतियों पर रणनीति बनी
नई दिल्ली: एम्स नई दिल्ली के प्लास्टिक, रिकंस्ट्रक्टिव और बर्न्स सर्जरी विभाग ने ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन (ORBO) के साथ मिलकर स्किन बैंकिंग और स्किन डोनेशन पर राष्ट्रीय ब्रेनस्टॉर्मिंग सत्र आयोजित किया।
बैठक में देशभर के 22 स्किन बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ बर्न्स व प्लास्टिक सर्जन, ORBO, NOTTO, अस्पताल प्रशासक, एनाटॉमी व फॉरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ, नर्सें, टेक्निशियन और कई NGOs शामिल हुए। उद्देश्य था—मौजूदा प्रक्रियाओं की समीक्षा करना और देश में स्किन बैंकिंग सेवाओं को मजबूत बनाने की रणनीति तैयार करना।
एम्स दिल्ली के विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष सिंघल ने स्किन बैंक की शुरुआत से अब तक के काम और प्रगति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि स्किन ग्राफ्ट की मांग उपलब्ध मात्रा से कई गुना अधिक है। हर साल लगभग 70 लाख लोग जलने की चोटों का शिकार होते हैं, जिनमें से 1.5 लाख की मौत हो जाती है और 2.5 लाख लोग स्थायी विकलांगता का सामना करते हैं।
प्रो. आरती विज ने बताया कि स्किन डोनेशन के बारे में जागरूकता बहुत कम है। साथ ही रिट्रीवल टीमों का प्रशिक्षण, स्किन बैंकों के लिए बेहतर सुविधाएँ, ऑर्गन डोनेशन नेटवर्क के साथ समन्वय, और टेक्नोलॉजी व रिसर्च में निवेश जैसी चुनौतियाँ भी मौजूद हैं।
NOTTO के निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने स्किन डोनेशन और प्रत्यारोपण के लिए राष्ट्रीय रजिस्ट्री पोर्टल प्रस्तुत किया और स्किन बैंक लाइसेंसिंग से जुड़ी नीतियों को स्पष्ट किया।
सत्र के दौरान विभिन्न स्किन बैंकों ने अपने डेटा, SOPs, काम करने के मॉडल और चुनौतियाँ साझा कीं। इससे केंद्रों को एक-दूसरे से सीखने और प्रक्रियाओं को सुधारने में मदद मिली।
नेशनल बर्न्स सेंटर, मुंबई के डॉ. सुनील केसवानी ने 17 वर्षों के अनुभव से जुड़े SOPs और गुणवत्ता मानकों पर जानकारी दी।
मुख्य चुनौतियों में कम जन-जागरूकता, सीमित फंडिंग, और दूरस्थ स्थानों से छह घंटे के भीतर स्किन रिट्रीवल की कठिनाइयाँ शामिल रहीं। विशेषज्ञों ने देशभर में स्किन कलेक्शन और बैंकिंग केंद्रों का नेटवर्क बनाने की सलाह दी, ताकि दान का बेहतर उपयोग और समय पर मदद सुनिश्चित की जा सके।
सत्र का संचालन डॉ. शिवांगी साहा, डॉ. नंदिनी तंवर और डॉ. मंजू आर. ने किया। बैठक का समापन इस सहमति के साथ हुआ कि स्किन बैंकिंग सेवाओं को व्यवस्थित करने, दान बढ़ाने और गुणवत्ता सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।