मत्स्यासन: मेटाबॉलिज्म बढ़ाए और पेट की चर्बी को मिटाए

Update: 2025-12-24 11:15 GMT

मुंबई- आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में फिट रहना हर किसी की प्राथमिकता बन चुका है, लेकिन लंबे समय तक ऑफिस में बैठकर काम करना, अनियमित खानपान, तनाव और नींद की कमी के कारण मोटापा एक आम समस्या बन गया है। समय की कमी के चलते बहुत से लोग जिम या भारी एक्सरसाइज नहीं कर पाते। ऐसे में योग एक आसान और असरदार विकल्प साबित हो सकता है। इन्हीं योगासनों में से एक है मत्स्यासन, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और पेट की चर्बी कम करने में मदद करता है।

मत्स्यासन संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है— ‘मत्स्य’, जिसका अर्थ है मछली और ‘आसन’, यानी बैठने या शरीर की मुद्रा। इस आसन को करते समय शरीर की स्थिति मछली के समान होती है, जिसमें छाती को ऊपर की ओर उठाया जाता है और सिर को पीछे की तरफ झुकाया जाता है। यह मुद्रा शरीर के ऊपरी हिस्से को फैलाव देती है और पेट के अंगों पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।

नियमित रूप से मत्स्यासन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, जिससे कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। जब पाचन सही रहता है, तो शरीर में फैट जमा होने की संभावना भी कम हो जाती है। इसके अलावा यह आसन मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे शरीर कैलोरी को बेहतर तरीके से बर्न करता है।

मत्स्यासन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और छाती व गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है। मानसिक रूप से यह आसन तनाव और थकान को कम करने में भी सहायक माना जाता है, जिससे मन शांत रहता है और नींद की गुणवत्ता सुधरती है।

मत्स्यासन करने की विधि काफी सरल है। सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों को सीधा रखें और आपस में मिलाएं। अब दोनों हाथों को कूल्हों के नीचे रखें और हथेलियों को नीचे की ओर रखें। कोहनियों का सहारा लेते हुए गहरी सांस भरें और धीरे-धीरे छाती और सिर को ऊपर उठाएं। सिर के पिछले हिस्से को हल्के से जमीन पर टिकाएं, लेकिन ध्यान रखें कि गर्दन पर दबाव न पड़े और वजन कोहनियों पर ही रहे। इस मुद्रा में कुछ सेकंड तक गहरी सांस लेते रहें। फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं। शुरुआत में इसे 3 से 5 बार दोहराया जा सकता है।

हालांकि यह आसन बहुत लाभकारी है, लेकिन जिन लोगों को गर्दन या पीठ की गंभीर समस्या, माइग्रेन या स्पाइनल इंजरी हो, उन्हें इसे करने से पहले योग विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

नियमित अभ्यास और सही तरीके से किया गया मत्स्यासन न सिर्फ पेट की चर्बी कम करने में मदद करता है, बल्कि पूरे शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने में भी सहायक साबित होता है।

(With Inputs From IANS)

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