नई दिल्ली: देश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न प्रकार की दालों की खेती होती है। पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर समतल इलाकों में मौसम के हिसाब से दालों की खेती की जाती है।

दालें हमेशा से हमारी थाली का मुख्य हिस्सा रही हैं, लेकिन जंक फूड की बढ़ती आदत ने थाली से दालों को गायब कर दिया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दालें कई तरह की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती हैं? आज हम जानते हैं कि कौन सी दाल किस प्रकार की बीमारी से निजात पाने के लिए काम आ सकती है।

मधुमेह से ग्रस्त लोगों को चना दाल, मूंग दाल और मसूर दाल का सेवन करना चाहिए, क्योंकि ये रक्त में शुगर की मात्रा को तेजी से नहीं बढ़ाती हैं। मधुमेह रोगी अरहर की दाल का सेवन कम करें। ये दालें प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं।

हाई बीपी के रोगियों को घी से बने पदार्थों और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। उन्हें आहार में मूंग दाल और मसूर दाल का सेवन करना चाहिए, क्योंकि ये पाचन में हल्की होती हैं और कोलेस्ट्रॉल घटाने में मदद करती हैं। चना दाल और मसूर दाल में प्रोटीन और फाइबर के अलावा कोलेस्ट्रॉल कम करने की क्षमता होती है, जिससे रक्त वाहिनी पर कम दबाव बढ़ता है।

हृदय रोगों से पीड़ित मरीजों को चना दाल और मसूर दाल का सेवन करना चाहिए। ऐसे में तली हुई चीजों का सेवन कम करना चाहिए। अगर पेट की पाचन शक्ति से जुड़े रोग परेशान कर रहे हैं तो सिर्फ मूंग की दाल का सेवन करें। मूंग की दाल पाचन में हल्की होती है और इसमें फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।

पेट दर्द, गैस, और धीमी पाचन शक्ति को तेज करने के लिए मूंग दाल लाभकारी होती है। अगर थकान और कमजोरी महसूस होती है तो इसके लिए अरहर दाल और उरड़ दाल का सेवन करना चाहिए, क्योंकि दोनों ही प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर हैं। ये शरीर में रक्त की मात्रा को पूरा करने में मदद देती हैं और कैल्शियम और फाइबर युक्त होती हैं।

अब सवाल है कि कैसे सेवन करना है। भारतीय घरों में ढेर सारे मसालों के साथ तड़का लगाकर दाल का सेवन किया जाता है, जो कि गलत है। दाल को उबालकर कम मसालों के साथ खाना चाहिए, जिससे उसके पोषक तत्व बरकरार रहें।

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हर बीमारी में सही दाल और उसका सही सेवन तरीका जानना सेहत के लिए जरूरी है।
Khushi Chittoria
Khushi Chittoria

Khushi Chittoria joined Medical Dialogues in 2025 as a Media and Editorial Intern. She holds a degree in Bachelor of Arts in Journalism and Mass Communication from IP University and has completed certifications in content writing. She has a strong interest in anchoring, content writing, and editing. At Medical Dialogues, Khushi works in the editorial department, web stories and anchoring.