यह सवाल बहुत सी गर्भवती महिलाओं के मन में आता है “क्या वैक्सीन लेने से मेरे बच्चे को कोई नुकसान तो नहीं होगा?” गर्भावस्था वैसे भी एक बहुत संवेदनशील समय होता है।

ऐसे में यह स्वाभाविक है कि हर चीज़ के बारे में सोच-समझकर फैसला लिया जाए, खासकर जो शरीर में जा रही हो। लेकिन अच्छी खबर यह है कि वैज्ञानिक शोध और दुनियाभर के अनुभव बताते हैं कि ज़्यादातर टीके जो गर्भवती महिलाओं को सुझाए जाते हैं, पूरी तरह सुरक्षित हैं और बच्चे को कोई हानि नहीं पहुँचाते। बल्कि, ये माँ और बच्चे दोनों को गंभीर और रोकी जा सकने वाली बीमारियों से बचाते हैं।

गर्भावस्था में टीके कैसे काम करते हैं?

देखिए, जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसके शरीर में बहुत सारे बदलाव आते हैं — इम्युनिटी, दिल और फेफड़ों का कामकाज सब थोड़ा अलग तरीके से होता है।

इसी वजह से कुछ संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है।

टीके माँ के शरीर में सुरक्षा कवच (antibodies) बनाते हैं, जो न सिर्फ माँ को, बल्कि जन्म के बाद शुरुआती दिनों में बच्चे को भी सुरक्षा देते हैं।

गर्भावस्था में कौन-से टीके सुरक्षित हैं?

दुनिया भर के स्वास्थ्य संगठनों — जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और CDC (Centers for Disease Control and Prevention) — ने कुछ टीकों को गर्भावस्था में पूरी तरह सुरक्षित माना है:

1. फ्लू (Influenza) वैक्सीन:

o गर्भवती महिलाओं में फ्लू से जटिलताएँ होने का खतरा ज़्यादा होता है।

o यह टीका गर्भावस्था के किसी भी महीने में लगाया जा सकता है।

o इससे माँ और बच्चे दोनों को अस्पताल में भर्ती होने जैसी गंभीर स्थिति से बचाव होता है।

2. टीडैप (Tdap) वैक्सीन — टिटनेस, डिफ्थीरिया और पर्टुसिस:

o यह टीका 27 से 36 हफ्तों के बीच दिया जाता है।

o यह बच्चे को जन्म के बाद “काली खाँसी” (pertussis) जैसी गंभीर बीमारी से बचाता है।

3. कोविड-19 वैक्सीन:

o गर्भवती महिलाओं पर किए गए कई अध्ययनों में पाया गया कि कोविड वैक्सीन सुरक्षित है।

o यह माँ को गंभीर बीमारी से बचाती है और बच्चे को भी शुरुआती एंटीबॉडी सुरक्षा देती है।

किन टीकों से गर्भावस्था में बचना चाहिए?

कुछ टीके जीवित वायरस (live vaccines) वाले होते हैं, जो गर्भावस्था में नहीं लगाए जाते।

इनमें शामिल हैं:

• एमएमआर (MMR) — मीज़ल्स, मम्प्स और रुबेला

• वेरिसेला (Varicella) — चिकनपॉक्स

इनसे बच्चे को नुकसान का खतरा “सैद्धांतिक” रूप से बताया गया है, लेकिन वास्तविक मामलों में बहुत ही दुर्लभ है।

आमतौर पर डॉक्टर सलाह देते हैं कि ऐसे टीके गर्भधारण से कम से कम एक महीना पहले लगवाए जाएँ।

वैज्ञानिक भरोसा

कई सालों के बड़े अध्ययनों से यह साबित हो चुका है कि फ्लू और Tdap जैसे टीके माँ और बच्चे — दोनों के लिए सुरक्षित हैं।

इनसे गर्भपात, समय से पहले प्रसव, या जन्म दोष का जोखिम नहीं बढ़ता।

इसके उलट, बिना टीका लगवाए संक्रमण होने पर बच्चा सच में खतरे में आ सकता है।

इसलिए टीकों से डरने के बजाय, गर्भवती महिलाओं को इसे प्यार और सुरक्षा का प्रतीक मानना चाहिए।

टीका लगवाना अपने बच्चे को जन्म से पहले ही स्वास्थ्य का उपहार देने जैसा है।

सही समय पर लगाए गए टीके माँ की प्रतिरक्षा बढ़ाते हैं और बच्चे को एक बेहतर शुरुआत देते हैं।

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Dr Aruna Kalra
Dr Aruna Kalra

Dr Aruna Kalra is a renowned Obstetrician & Gynaecologist and a leading Robotic and Laparoscopic Surgeon with over 23 years of experience. She is currently associated with the Department of Obstetrics and Gynaecology at CK Birla Hospital, Gurugram. Her expertise includes scarless laparoscopic surgery, robotic procedures, high-risk pregnancies, gynecologic oncology, and VBAC. She has previously served at Paras Hospital, Artemis Hospital, and Apollo Cradle.