किशोरावस्था में शरीर तेजी से बदलता है। इस समय हॉर्मोन, मेटाबॉलिज़्म और ऊँचाई-वजन में बदलाव होते हैं। इस उम्र में सही वजन बनाए रखना न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और सामाजिक जीवन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।

भारत में शहरी और मेट्रो शहरों में किशोरों में जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक, मोबाइल गेमिंग और सोशल मीडिया के कारण अधिक वजन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही, ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी टीवी और स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल से बच्चों की शारीरिक गतिविधि कम हो रही है।

यह स्थिति माता-पिता और किशोर दोनों के लिए चिंता का कारण बन सकती है, लेकिन सही जानकारी, नियमित शारीरिक गतिविधि और संतुलित आहार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

अधिक वजन तब होता है जब शरीर में जरूरत से ज्यादा कैलोरी जमा हो जाती है, और लंबे समय तक नियंत्रण न होने पर यह स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

किशोरों का शरीर इस उम्र में तेजी से बढ़ता है, लेकिन यदि खाने की मात्रा, भोजन का प्रकार और शारीरिक गतिविधि संतुलित न हों, तो वजन जल्दी बढ़ सकता है। भारत में कई किशोर घर और स्कूल दोनों जगह कम शारीरिक गतिविधि, जंक फूड और तैलीय खाने की आदतों के कारण सामान्य से अधिक वजन के जूझते हैं।

क्या मेरा वजन सामान्य है?

अपने वजन का आकलन करने के लिए आप निम्न तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:

  • BMI (Body Mass Index) — यह आपके वजन और ऊँचाई के अनुपात को दर्शाता है। यदि आपका BMI सामान्य सीमा से ऊपर है, तो आप अधिक वजन वाले हो सकते हैं।
  • शारीरिक लक्षण — रोज़मर्रा की गतिविधियों में जल्दी थकान, खेलों में कम प्रदर्शन या पेट/कमर में अतिरिक्त फैट अधिक वजन के संकेत हैं।
  • Percentile Charts — स्कूल या डॉक्टर से प्राप्त किशोरों के वजन चार्ट देखकर आप अपने वजन की स्थिति जान सकते हैं।

किशोरों में अधिक वजन के सामान्य कारण:

  • अनियमित और अस्वस्थ आहार — फास्ट फूड, जंक फूड, पैकेज्ड स्नैक्स, कोल्ड ड्रिंक और मिठाइयाँ अधिक सेवन।
  • कम शारीरिक गतिविधि — मोबाइल, टीवी, वीडियो गेम और सोशल मीडिया के कारण कम चलना-फिरना।
  • अनुवांशिक कारण — माता-पिता का वजन और जीवनशैली का प्रभाव।
  • भावनात्मक कारण — तनाव, उदासी या परीक्षा-प्रेशर में अधिक खाने की आदत।
  • पर्यावरणीय और सामाजिक कारण — खेल-कूद, स्कूली खेल और खुली जगहों में गतिविधियों की कमी।

अधिक वजन के लक्षण आमतौर पर रोज़मर्रा की गतिविधियों में जल्दी थकान, खेलों में कम प्रदर्शन, शरीर में अतिरिक्त फैट और BMI के सामान्य सीमा से ऊपर होने के रूप में दिखाई देते हैं। इसके अलावा, किशोरों में नींद की कमी, आत्मविश्वास में कमी, सामाजिक दूरी और मानसिक तनाव भी दिखाई दे सकते हैं। कुछ मामलों में अधिक वजन बढ़ते रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल या टाइप 2 डायबिटीज़ जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी दे सकता है।

स्वस्थ वजन बनाए रखने के उपाय:

  • संतुलित आहार और पानी का सेवन — रोज़ाना घर में बने भोजन में फल, सब्ज़ियाँ, दालें, अनाज और प्रोटीन शामिल करें।
  • नियमित व्यायाम और खेलकूद — स्कूल या घर के आस-पास कम से कम 60 मिनट हल्का या मध्यम व्यायाम करें, जैसे वॉकिंग, साइकलिंग या क्रिकेट/फुटबॉल।
  • मीठे और जंक फूड को सीमित करें — कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, पिज़्ज़ा और पैकेज्ड स्नैक्स कम खाएं।
  • पर्याप्त नींद लें — किशोरों को हर रात 8–10 घंटे नींद बेहद जरूरी है।
  • परिवार और दोस्तों के साथ सक्रिय रहें — बच्चों को आउटडोर खेलों या वॉकिंग में शामिल करें।
  • सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य — परीक्षा-प्रेशर या तनाव को हल करने के लिए हॉबी, मेडिटेशन या काउंसलिंग अपनाएँ।

यदि BMI लगातार बढ़ रहा हो, शरीर में अचानक फैट जमा हो रहा हो, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल या डायबिटीज के लक्षण दिखाई दें, या खाने की आदतों और वजन को लेकर मानसिक तनाव बढ़ रहा हो, तो किशोर को तुरंत डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

विशेषज्ञ मानते हैं कि सही जानकारी, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सकारात्मक जीवनशैली किशोरों में अधिक वजन को नियंत्रित करने का सबसे प्रभावी उपाय हैं। अधिक वजन चिंता का कारण नहीं, बल्कि समझदारी और सही उपायों से संभाली जाने वाली स्थिति है।

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किशोरों में अधिक वजन आम है। संतुलित आहार, व्यायाम और सही जीवनशैली से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
Kanchan Chaurasiya
Kanchan Chaurasiya

Kanchan Chaurasiya joined Medical Dialogues in 2025 as a Media and Marketing Coordinator. She holds a Bachelor's degree in Arts from Delhi University and has completed certifications in digital marketing. With a strong interest in health news, content creation, hospital updates, and emerging trends, Kanchan manages social media, news coverage, and public relations activities. She coordinates media outreach, creates press releases, promotes healthcare professionals and institutions, and supports health awareness campaigns to ensure accurate, engaging, and timely communication for the medical community and the public.