बच्चों में बढ़ता हाई ब्लड प्रेशर: माता-पिता के लिए ज़रूरी चेतावनी

अक्सर हाई ब्लड प्रेशर को बड़ों की बीमारी माना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में यह समस्या बच्चों और किशोरों में भी तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, बचपन में बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर आगे चलकर हृदय रोग, किडनी समस्याओं और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है। चिंता की बात यह है कि कई बच्चों में हाई बीपी बिना किसी स्पष्ट लक्षण के रहता है, जिससे इसका समय पर पता नहीं चल पाता।
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर क्यों बढ़ रहा है?
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के पीछे जीवनशैली से जुड़े कारण सबसे बड़े जिम्मेदार हैं। मोटापा, शारीरिक गतिविधि की कमी, जंक फूड, ज्यादा नमक वाला भोजन और स्क्रीन टाइम का बढ़ना इस समस्या को बढ़ा रहा है। इसके अलावा, कुछ मामलों में किडनी रोग, हार्मोनल गड़बड़ी, जन्मजात हृदय दोष या पारिवारिक इतिहास भी हाई बीपी का कारण बन सकते हैं।
बच्चों में दिखने वाले संभावित लक्षण
अधिकतर बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण साफ तौर पर दिखाई नहीं देते, लेकिन कुछ मामलों में
- सिरदर्द
- थकान
- चक्कर आना
- नाक से खून आना
- धुंधला दिखना
- सांस फूलने
ऐसी शिकायतें हो सकती हैं। अगर बच्चा बार-बार थका हुआ महसूस करे या पढ़ाई में ध्यान न लगा पाए, तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
समय पर जांच क्यों है ज़रूरी?
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि 3 साल की उम्र के बाद बच्चों का ब्लड प्रेशर नियमित रूप से चेक किया जाना चाहिए, खासकर अगर बच्चा मोटापे से ग्रस्त हो या परिवार में हाई बीपी का इतिहास हो। शुरुआती पहचान से दवाओं की जरूरत को टाला जा सकता है और केवल जीवनशैली में सुधार से ही स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर से बचाव के उपाय
- संतुलित आहार
- कम नमक और कम प्रोसेस्ड फूड
- रोज़ाना कम से कम 60 मिनट की शारीरिक गतिविधि
- पर्याप्त नींद
- स्क्रीन टाइम
इस सब को सीमित करना बच्चों के दिल और रक्तचाप को स्वस्थ रखने में मदद करता है। माता-पिता की भूमिका इसमें बेहद अहम है, क्योंकि बच्चों की आदतें अक्सर घर के माहौल से ही बनती हैं।
इलाज और प्रबंधन
अगर जीवनशैली में बदलाव के बावजूद ब्लड प्रेशर नियंत्रित न हो, तो डॉक्टर बच्चे की उम्र और कारण के अनुसार दवाएं भी सुझा सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सही समय पर पहचान और उपचार से बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है और भविष्य की गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है।
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर अब दुर्लभ समस्या नहीं रही। समय पर जांच, सही खान-पान और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाकर न केवल इस खतरे को कम किया जा सकता है, बल्कि बच्चों को एक स्वस्थ भविष्य भी दिया जा सकता है।


