चेन्नई: ग्लेनईगल्स हॉस्पिटल, चेन्नई के डॉक्टरों की एक स्टडी में सामने आया है कि मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ज़्यादा समय बिताने से टाइप-2 डायबिटीज़ वाले लोगों में ब्लड शुगर कंट्रोल खराब हो सकता है। खासतौर पर वीकेंड पर लंबे समय तक स्क्रीन देखने से शुगर लेवल बढ़ने का खतरा ज़्यादा पाया गया।

स्टडी कैसे की गई

इस अध्ययन में टाइप-2 डायबिटीज़ के 217 मरीजों को शामिल किया गया। उनके रोज़ाना स्क्रीन टाइम, नींद की आदतें और शुगर कंट्रोल (HbA1c) की जाँच की गई। इसके बाद डॉक्टरों और डाइटिशियन की टीम ने उन्हें स्क्रीन टाइम कम करने, ज़्यादा एक्टिव रहने और नींद सुधारने की सलाह दी। तीन महीने बाद दोबारा जाँच कर देखा गया कि बदलाव का क्या असर पड़ा।

नतीजे क्या रहे

जो लोग वीकेंड पर ज़्यादा स्क्रीन देखते थे, उनका HbA1c ज़्यादा था।

सलाह के बाद औसत HbA1c 7.47% से घटकर 7.21% हो गया।

रोज़ का स्क्रीन टाइम लगभग 30–45 मिनट कम हुआ, खासकर वीकेंड पर।

आधे से ज़्यादा लोगों में शुगर कंट्रोल बेहतर हुआ।

यह क्यों ज़रूरी है

ज़्यादा स्क्रीन देखने से शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है, गलत समय पर खाने की आदत (बिंज ईटिंग), खराब नींद और तनाव बढ़ता है—ये सभी चीज़ें डायबिटीज़ कंट्रोल को बिगाड़ती हैं। स्टडी दिखाती है कि स्क्रीन टाइम कम करने से बिना दवा बदले, लाइफस्टाइल सुधरती है—जैसे ज़्यादा चलना-फिरना, बेहतर डाइट और अच्छी नींद—जिससे शुगर लेवल अपने आप बेहतर होता है।

आम लोगों के लिए संदेश

“आपका फोन या टीवी चुपचाप आपकी शुगर बढ़ा सकता है। स्क्रीन टाइम कम करें और थोड़ा ज़्यादा चलें—शुगर कंट्रोल में फर्क दिखेगा,” स्टडी के लीड लेखक डॉ. अश्विन करुप्पन ने कहा।

“फोन को अपनी सेहत पर हावी न होने दें—उसे नीचे रखें, हिलें-डुलें और शुगर को कम होते देखें,” डॉ. आफ़रीन शब्बीर ने कहा।

स्क्रीन टाइम कम करने के आसान टिप्स

(खासकर डायबिटीज़ वाले और वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए)

  • नो-स्क्रीन समय तय करें — सुबह उठने के बाद पहला घंटा और सोने से पहले आख़िरी घंटा स्क्रीन-फ्री रखें।
  • 20-20-20 नियम — हर 20 मिनट में 20 फीट दूर 20 सेकंड देखें।
  • घड़ी इस्तेमाल करें — बार-बार फोन देखने से बचें।
  • ज़रूरी न होने वाले नोटिफिकेशन बंद करें — खासकर सोशल मीडिया और शॉपिंग ऐप्स के।
  • स्क्रॉलिंग की जगह टहलना — मन करे तो थोड़ी वॉक कर लें।
  • डाइनिंग एरिया और बेडरूम में स्क्रीन न रखें।
  • अपना स्क्रीन टाइम ट्रैक करें — देखने से खुद कम करने में मदद मिलती है।
  • डिजिटल डिटॉक्स वीकेंड — आधा दिन ऑफ़लाइन हॉबीज़ के लिए रखें।
  • लेट-नाइट वीडियो की जगह किताब या संगीत।
  • परिवार/दोस्तों को शामिल करें — नो-स्क्रीन डिनर या शाम की वॉक साथ करें।

“आपकी आँखों और आपकी शुगर—दोनों को आराम चाहिए, और वो भी स्क्रीन से।”

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Dr V Ashwin Karuppan
Dr V Ashwin Karuppan

Dr V Ashwin Karuppan is Head of Department and Senior Consultant of Internal Medicine and Diabetology at Gleneagles HealthCity Chennai. He specialises in Internal Medicine, Diabetology, Infectious Diseases, and Clinical Cardiology, and is an experienced researcher and global faculty in his fields.