नई दिल्ली: बढ़ते प्रदूषण और सर्द हवाओं से पूरे शरीर की देखभाल करना आवश्यक हो जाता है, लेकिन इसी मौसम में आंखों की देखभाल करना भी जरूरी है।

सर्द हवाएं आंखों को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे आंखों में जलन, पानी आना और पलकें चिपचिपी हो जाती हैं। ऐसे में आयुष मंत्रालय ने आंखों की देखभाल के लिए चार असरदार तरीके बताए हैं, जिनसे कम समय में आंखों की देखभाल की जा सकती है।

आयुष मंत्रालय ने आंखों की देखभाल को बेहतर बनाए रखने के लिए एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें चार ऐसे तरीकों का जिक्र किया गया है जिसमें मोमबत्ती और कॉटन पैड की मदद से आंखों को आराम दिया जा सकता है। पहला है आई पाम‍िंग। आई पाम‍िंग में दोनों हाथों की हथेलियों को आपस में रगड़कर गर्म किया जाता है और आंखों पर लगाया जाता है।

इससे आंखों की थकान कम होती है और वे रिलैक्स महसूस होती हैं। लगातार स्क्रीन पर देखने से आंखों की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। दबाव कम करने के लिए आई पाम‍िंग बेस्ट तरीका है।

दूसरा है त्राटक। ये एक अभ्यास है, जिसके जरिए आंखों की रोशनी में सुधार, आंखों की सफाई और आंखों की नमी को वापस पाया जा सकता है। इसके अभ्यास के लिए एक मोमबत्ती को कुछ दूरी पर रखा जाता है। मोमबत्ती की लौ को लगातार बिना पलक झपकाए देखता रहता है। इससे आंखों की आंतरिक स्पष्टता बढ़ती है।

तीसरा उपाय है गीले कॉटन पैड। आंखों के तनाव से बचाने के लिए और सिर दर्द से आराम पाने के लिए गीले कॉटन पैड का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए रूई लेकर उसे चपटा करके फैला लिया जाता है। कॉटन को ठंड़े पानी या गुलाब जल में भिगोकर कुछ देर के लिए आंखों पर रखा जाता है। इसकी जगह कुछ लोग खीरे के टुकड़ों का भी इस्तेमाल करते हैं। ये आंखों के नीचे आने वाली सूजन को भी कम करने में मदद करता है।

चौथा है भाप लेना। सर्दियों में कुछ लोगों को सुबह आंखें खोलने में दिक्कत होती है क्योंकि आंखों की गदंगी पलकों पर बुरी तरीके से चिपक जाती है। ऐसे में हल्की भाप की मदद से आंखों को ऊर्जावान बनाया जा सकता है। इससे पलके चिपकती नहीं हैं, लेकिन ज्यादा भाप लेने से बचें क्योंकि ये ड्राइनेस को भी बढ़ावा देती है।


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आयुष मंत्रालय के अनुसार, ये चार आयुर्वेदिक तरीके आंखों की सेहत सुधारने में मदद करते हैं।
Stuti Tiwari
Stuti Tiwari

Stuti Tiwari joined Medical Dialogues in 2025 as a Hindi Content Writing Intern. She is currently pursuing a Bachelor’s degree in Journalism from the University of Delhi. With a strong interest in health journalism, digital media, and storytelling, Stuti focuses on writing, editing, and curating Hindi health content. She works on producing informative, engaging, and accurate articles to make healthcare news and updates more understandable and relatable for Hindi-speaking audiences.