नई दिल्ली: समाज में आपातकालीन प्रतिक्रिया और तैयारियों को मजबूत करने के लिए फोर्टिस हेल्थकेयर ने अपने ‘फोर्टिस है ना’ अभियान के तहत देशभर में CPR जागरूकता और प्रशिक्षण अभियान शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य नागरिकों को जीवन-रक्षक कौशल सिखाना है, ताकि हर आपात स्थिति में यह संदेश मजबूत हो—फोर्टिस है ना।

यह अभियान पूरे भारत में सभी फोर्टिस अस्पतालों में एक साथ आयोजित किया गया, जिसमें दो ग्लेनीगल्स हॉस्पिटल्स भी शामिल थे। यह नेटवर्क द्वारा अब तक किया गया सबसे बड़ा CPR प्रशिक्षण कार्यक्रम बना। कुल मिलाकर अस्पतालों और सामुदायिक स्थानों में लगभग 4,000 लोगों को प्रशिक्षित किया गया। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट से लगभग 110 लोगों ने हिस्सा लिया; फोर्टिस हॉस्पिटल मानेसर से 300 से अधिक; फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद से 200; फोर्टिस ग्रेटर नोएडा से 50 और फोर्टिस नोएडा से 300 प्रतिभागी जुड़े। फोर्टिस वसंत कुंज से 80 लोगों ने प्रशिक्षण लिया; शालीमार बाग से 97 और फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, ओखला से लगभग 300 लोगों ने CPR प्रशिक्षण में भाग लिया

हर 90 मिनट के सत्र में CPR करने की तकनीक, घुटन (चोकिंग) से बचाने के तरीके, और विशेषज्ञों के साथ सवाल-जवाब का इंटरएक्टिव सेशन शामिल था। यह प्रशिक्षण इमरजेंसी मेडिसिन विशेषज्ञों, प्रशिक्षित नर्सों और सर्टिफाइड CPR इंस्ट्रक्टर्स द्वारा दिया गया। प्रतिभागियों को ‘सर्टिफिकेट ऑफ पार्टिसिपेशन’ और फर्स्ट-एड बुकलेट भी दी गई, जिसमें आपातकालीन स्थिति में उठाए जाने वाले ज़रूरी कदम बताए गए हैं।

अस्पतालों से बाहर निकलकर यह प्रशिक्षण कई आरडब्ल्यूए (RWA), कॉरपोरेट ऑफिस, स्कूल, जिम और स्थानीय संस्थानों के साथ मिलकर आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य जीवनरक्षक जानकारी को सीधे आम जनता तक पहुँचाना है — ताकि छात्र, कॉरपोरेट कर्मचारी, फिटनेस ट्रेनर, ट्रैफिक पुलिस, टैक्सी ड्राइवर और फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स जैसी समूहों को आपात स्थिति में तुरंत और सही तरीके से मदद करने का आत्मविश्वास मिल सके।

जागरूकता और प्रशिक्षण अभियान पर बात करते हुए, डॉ. बिश्णु पाणिग्रही, ग्रुप हेड – मेडिकल स्ट्रैटेजी एंड ऑपरेशंस, फोर्टिस हेल्थकेयर ने कहा, “आपात स्थिति में तुरंत की गई कार्रवाई जीवन और मृत्यु के बीच फर्क पैदा कर सकती है। हजारों लोगों को CPR और बेसिक लाइफ सपोर्ट का प्रशिक्षण देकर हम देशभर में फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स का एक मजबूत नेटवर्क तैयार कर रहे हैं। यह सामूहिक तैयारी अनगिनत जीवन बचा सकती है, और यही असली हेल्थकेयर लीडरशिप है।”

डॉ. ऋतु गर्ग, चीफ ग्रोथ एंड इनोवेशन ऑफिसर, फोर्टिस हेल्थकेयर ने कहा, “आपात स्थितियाँ कहीं भी हो सकती हैं — घर में, दफ्तर में या सड़क पर। इस CPR प्रशिक्षण अभियान के माध्यम से हमारा उद्देश्य हर व्यक्ति को इतना सक्षम बनाना है कि मेडिकल सहायता आने से पहले के उन ज़रूरी पलों में वह सही कदम उठा सके। यह पहल हमारे ‘फोर्टिस है ना’ वादे का महत्वपूर्ण हिस्सा है — समुदाय में भरोसा और तैयारी बढ़ाने का।”

यह अभियान ‘फोर्टिस है ना’ कैम्पेन की ऑन-ग्राउंड रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आपात स्थिति के प्रति जागरूकता, तैयारी और फोर्टिस पर जनता के भरोसे को मजबूत करना है। इस बड़े स्तर के प्रयास के जरिए फोर्टिस हेल्थकेयर ने आम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है — आपातकालीन तैयारी को अस्पतालों से बाहर निकालकर लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी तक पहुँचाते हुए।

‘फोर्टिस है ना’ कैम्पेन, फोर्टिस की एक बड़ी पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आपातकालीन और ट्रॉमा सेवाओं को बढ़ावा देना है। यह समय पर इलाज, विशेषज्ञ देखभाल और समुदाय के भरोसे पर जोर देता है। फोर्टिस अस्पताल हमेशा विश्वस्तरीय आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां अनुभवी विशेषज्ञ और अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह आपातकालीन अभियान अस्पताल की 24x7 आपातकालीन और ट्रॉमा केयर देने की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

Kanchan Chaurasiya
Kanchan Chaurasiya

Kanchan Chaurasiya joined Medical Dialogues in 2025 as a Media and Marketing Coordinator. She holds a Bachelor's degree in Arts from Delhi University and has completed certifications in digital marketing. With a strong interest in health news, content creation, hospital updates, and emerging trends, Kanchan manages social media, news coverage, and public relations activities. She coordinates media outreach, creates press releases, promotes healthcare professionals and institutions, and supports health awareness campaigns to ensure accurate, engaging, and timely communication for the medical community and the public.