मेनोपॉज़ में हड्डियां कमजोर क्यों होती हैं? जवाब आंतों में छिपा है, AIIMS की नई स्टडी

AIIMS के डॉ. रुपेश के. श्रीवास्तव, अतिरिक्त प्रोफ़ेसर, बायोटेक्नोलॉजी विभाग, और उनकी टीम ने एक अहम खोज की है। उन्होंने पाया है कि गट यानी आंतों का स्वास्थ्य और हड्डियों की मजबूती आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं।
टीम ने दिखाया कि आंतों में मौजूद कुछ इम्यून सेल्स—जिन्हें रेग्युलेटरी टी सेल्स (Tregs) कहा जाता है—हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मेनोपॉज़ के बाद जब शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर घटता है, तो इन Tregs का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे शरीर में सूजन बढ़ती है और हड्डियों का टूटना तेज़ हो जाता है।
रिसर्च में यह भी पाया गया कि एस्ट्रोजन कम होने पर Tregs का एक खास प्रकार RORγT- pTregs बदलकर नुकसान पहुंचाने वाले Th17 सेल्स में बदल सकता है, जो हड्डियों को और कमजोर करते हैं।
लेकिन जब चूहों को Lactobacillus acidophilus (एक फायदेमंद प्रोबायोटिक) दिया गया, तो उनकी हड्डियों की हालत बेहतर हुई। यह प्रोबायोटिक गट में सूजन कम करता है और Tregs को Th17 सेल्स में बदलने से रोकता है। इसके पीछे ब्यूटिरेट जैसे गट मेटाबोलाइट्स की बड़ी भूमिका है।
यह अध्ययन बताता है कि अच्छे गट बैक्टीरिया न सिर्फ इम्यून सिस्टम बल्कि हड्डियों की सेहत के लिए भी बेहद जरूरी हैं। इसलिए प्रोबायोटिक भविष्य में मेनोपॉज़ के बाद होने वाली ऑस्टियोपोरोसिस रोकने का एक आसान विकल्प बन सकते हैं।
डॉ. श्रीवास्तव से बातचीत
प्रश्न 1: मेनोपॉज़ के दौरान गट और बोन हेल्थ का रिश्ता कितना गहरा है?
डॉ. श्रीवास्तव: हमारी रिसर्च यह साफ दिखाती है कि गट हेल्थ और बोन हेल्थ आपस में गहराई से जुड़े हैं। मेनोपॉज़ में एस्ट्रोजन कम होने से गट लाइनिंग कमजोर होती है, अच्छे बैक्टीरिया कम होते हैं और शरीर में सूजन बढ़ती है। यही बदलाव हड्डियों को कमजोर करते हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ाते हैं।
प्रश्न 2: क्या Lactobacillus acidophilus जैसे प्रोबायोटिक सच में हड्डियों की रक्षा कर सकते हैं?
डॉ. श्रीवास्तव: हां, ये प्रोबायोटिक गट को हेल्दी रखकर सूजन कम करते हैं और हड्डियों को सुरक्षा देते हैं। इन्हें रोज़ाना अच्छे सप्लीमेंट या दही/कर्ड जैसे फर्मेंटेड खाद्य पदार्थों से लिया जा सकता है।
प्रश्न 3: क्या कोई संकेत होते हैं कि मेरे गट इम्यून सेल्स या Tregs असंतुलित हैं?
डॉ. श्रीवास्तव: इसका कोई सीधा लक्षण नहीं होता। कभी-कभी गैस, पेट फूलना या बदहजमी जैसे संकेत दिख सकते हैं, लेकिन सही जानकारी लैब में हुए इम्यून टेस्ट से ही मिलती है।
प्रश्न 4: प्रोबायोटिक के अलावा और क्या किया जा सकता है?
डॉ. श्रीवास्तव: फाइबर से भरपूर चीजें—जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज—और दही, अचार जैसी फर्मेंटेड चीजें गट बैक्टीरिया को मजबूत बनाती हैं। ये गट मेटाबोलाइट्स बढ़ाते हैं जो हड्डियों की सुरक्षा में मदद करते हैं।
प्रश्न 5: क्या मेनोपॉज़ के बाद महिलाओं को गट माइक्रोबायोम टेस्ट कराना चाहिए?
डॉ. श्रीवास्तव: हां, हमारी टीम इस पर काम कर रही है। हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि मेनोपॉज़ के बाद गट बैक्टीरिया कैसे बदलते हैं। इससे हम यह पहचान पाएंगे कि कौन-सी महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस के ज्यादा जोखिम में हैं, ताकि उनका इलाज जल्दी शुरू किया जा सके।


