अब डॉक्टर्स और रिसर्चर्स एक नए तरह के दिमागी रोग से सचेत कर रहे हैं — जिसे कहते हैं LATE Dementia। अक्सर इसे गलती से Alzheimer’s disease बता दिया जाता है, लेकिन LATE Alzheimer’s से अलग है — और ज़्यादातर बहुत बुज़ुर्गों में पाया जाता है।

LATE है क्या?

LATE का पूरा नाम है Limbic-predominant Age-related TDP-43 Encephalopathy. इसमें दिमाग के उन हिस्सों में — जो याददाश्त और भावनाओं से जुड़े हैं — TDP-43 नामक प्रोटीन जमा हो जाता है। इस जमा-प्रक्रिया से दिमाग की कोशिकाएँ धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होती हैं, जिससे याददाश्त, सोचने-समझने और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में दिक्कत आती है।

Alzheimer’s से LATE कैसे अलग है?

* Alzheimer’s में दिमाग में amyloid-beta तथा tau प्रोटीन के असामान्य जमाव होते हैं, जबकि LATE में TDP-43 प्रोटीन जमा होता है।

* Alzheimer’s ज़्यादातर 60–75 साल की उम्र के आसपास शुरू होता है; जबकि LATE आमतौर पर 80 साल या उससे ज़्यादा उम्र में दिखने लगता है। 


* LATE में शुरुआत में याददाश्त की कमी धीरे-धीरे होती है, Alzheimer’s की तरह अचानक तेज़ नहीं।

* सामान्य brain scan LATE को पहचान नहीं पाते, इसलिए अक्सर गलत डायग्नोसिस हो जाता है — कई बार पुष्टि मृत्यु के बाद ही होती है। 


LATE के मामले बढ़ने क्यों लगे हैं?

अब रिसर्च और जागरूकता बढ़ी है। लोग पहले से ज़्यादा ज़िंदगी जी रहे हैं, 80-90 साल की उम्र तक — इसलिए LATE जैसे रोग देखे जाने लगे हैं।

लेकिन ज़्यादातर लोग और डॉक्टर अभी भी भूल लेते हैं कि “हर डिमेंशिया = Alzheimer’s” नहीं होता, इसलिए पहचान में देरी होती है।

शुरुआती लक्षण — ध्यान दें

* हाल की बातें भूल जाना, अक्सर चीज़ तोड़ने/गलत जगह रखने लगना।

* बार-बार एक ही सवाल पूछना, बातचीत समझने में दिक्कत, हल्की उलझन।

* मूड में बदलाव — चिड़चिड़ापन, डर, अकेलापन या बातचीत से परहेज़।

* धैर्य न रखें — जैसे-जैसे बीमारी आगे बढ़ेगी, याददाश्त गड़बड़, बोलने में दिक्कत, रोज़मर्रा का काम करना मुश्किल हो जाना आम है।

अभी क्या कर सकते हैं

अब तक LATE का कोई इलाज नहीं है। लेकिन देखभाल में मदद मिल सकती है — ब्लड प्रेशर, शुगर, दिल-दिमाग़ का ख्याल रखें; दिमागी व्यायाम करें; हल्की फ़िजिकल एक्टिविटी करें; अच्छा आहार लें; और सबसे ज़रूरी — परिवार और भावनात्मक समर्थन।

अगर लक्षण दिखें, तो जल्द डॉक्टर से सलाह लें — ताकि समय रहते देखभाल, तैयारी और बेहतर जीवन सुनिश्चित हो सके।

AlzheimerLATE डिमेंशिया

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बहुत से बुज़ुर्गों में अब LATE डिमेंशिया पाया जा रहा है, जो दिखने में Alzheimer’s जैसा लगता है लेकिन वजह अलग होती है।
Kanchan Chaurasiya
Kanchan Chaurasiya

Kanchan Chaurasiya joined Medical Dialogues in 2025 as a Media and Marketing Coordinator. She holds a Bachelor's degree in Arts from Delhi University and has completed certifications in digital marketing. With a strong interest in health news, content creation, hospital updates, and emerging trends, Kanchan manages social media, news coverage, and public relations activities. She coordinates media outreach, creates press releases, promotes healthcare professionals and institutions, and supports health awareness campaigns to ensure accurate, engaging, and timely communication for the medical community and the public.