कार, ट्रेन या फ्लाइट में मोशन सिकनेस? जानिए कारण और आसान उपाय

मोशन सिकनेस एक आम समस्या है, जो कार, बस, ट्रेन, हवाई जहाज़, नाव में सफर के दौरान या कभी-कभी फिल्म देखते या वीडियो गेम खेलते समय भी हो सकती है। यह तब होती है जब शरीर के अलग-अलग हिस्सों से दिमाग को गति (movement) को लेकर विरोधाभासी संकेत मिलते हैं। उदाहरण के लिए, अगर अंदरूनी कान को चलने का एहसास हो रहा है लेकिन आँखें किसी स्थिर चीज़ पर टिकी हों, तो दिमाग भ्रमित हो जाता है और यही भ्रम मोशन सिकनेस को जन्म देता है।
मोशन सिकनेस के लक्षण
इसके लक्षण अचानक शुरू हो सकते हैं, जैसे:
- चक्कर आना
- मतली या उल्टी
- ठंडा पसीना आना
- मुँह में ज़्यादा लार बनना
- सिरदर्द
- थकान और चिड़चिड़ापन
अक्सर ये लक्षण सफर के दौरान होते हैं और गति रुकने पर कम हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में लगातार उल्टी से डिहाइड्रेशन या इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन भी हो सकता है।
किसे ज़्यादा होती है यह समस्या?
विशेषज्ञों के अनुसार, मोशन सिकनेस किसी को भी हो सकती है, लेकिन यह बच्चों, महिलाओं, माइग्रेन से पीड़ित लोगों और अंदरूनी कान की समस्या वाले व्यक्तियों में ज़्यादा देखी जाती है। इसका मुख्य कारण दिमाग को मिलने वाले गति से जुड़े संकेतों का मेल न खाना है।
बचाव और नियंत्रण के आसान उपाय
यात्रा से पहले और दौरान कुछ सावधानियाँ मदद कर सकती हैं:
- भारी, तैलीय भोजन, शराब और कैफीन से बचें
- कार में आगे की सीट, प्लेन में विंग के पास या नाव के बीच में बैठें
- क्षितिज (horizon) की ओर देखें
- ताज़ी हवा लें और सिर को स्थिर रखें
- पढ़ने या मोबाइल स्क्रीन देखने से बचें
- प्राकृतिक उपाय जो मदद कर सकते हैं
कुछ लोगों में प्राकृतिक उपाय काफ़ी असरदार साबित होते हैं:
अदरक (Ginger): अदरक की चाय, नींबू पानी में अदरक या थोड़ा-सा अदरक चबाना मतली और उल्टी को कम कर सकता है।
पुदीना (Peppermint): पुदीने की खुशबू या पुदीना चाय बेचैनी और घबराहट को शांत करने में सहायक मानी जाती है।
ध्यान भटकाने की तकनीक: सफर के दौरान संगीत सुनना या सहयात्री से बातचीत करना असहजता से ध्यान हटाता है।
आरामदायक श्वास: गहरी और धीमी सांसें लेना मतली की तीव्रता को कम कर सकता है।
हल्का भोजन: यात्रा से पहले हल्का खाना लें और मसालेदार व तैलीय भोजन से बचें।
दवाइयों की भूमिका
अगर सावधानियाँ और घरेलू उपाय काफ़ी न हों, तो डॉक्टर की सलाह से दवाइयाँ ली जा सकती हैं। कुछ ओवर-द-काउंटर दवाएँ यात्रा से पहले ली जाती हैं, लेकिन इनमें नींद आना जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं। कुछ मामलों में डॉक्टर स्कोपोलामीन पैच जैसी दवाएँ भी सुझाते हैं।
डॉक्टर से कब मिलें?
अगर लक्षण बहुत गंभीर हों, सफर के बाद भी बने रहें या बिना यात्रा के भी मतली और चक्कर आने लगें, तो डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी है।
सही योजना, सरल जीवनशैली बदलाव और ज़रूरत पड़ने पर सही उपचार से मोशन सिकनेस को काफ़ी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है, ताकि आपकी यात्रा आरामदायक और सुखद बनी रहे।


