एक नए अध्ययन ने डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर से बचाव को लेकर बड़ी उम्मीद दिखाई है। JAMA Network Open में छपी Framingham Heart Study के मुताबिक, 45 से 64 साल की उम्र में नियमित व्यायाम करने से आगे चलकर डिमेंशिया का खतरा 41–45% तक कम हो सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती उम्र के साथ डिमेंशिया के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन जीवनशैली में छोटे बदलाव—जैसे नियमित एक्सरसाइज़—इसे रोकने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। अध्ययन में पाया गया कि मध्य आयु यानी 40–50 की उम्र में किया गया तेज़ या मध्यम व्यायाम सबसे ज्यादा फायदेमंद रहा। शुरुआत की उम्र में असर उतना साफ नहीं दिखा।

रिसर्च ने उम्र, लिंग, शिक्षा, धूम्रपान, मोटापा, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और जीन (APOE) जैसे कारकों को भी ध्यान में रखा। जिन लोगों में यह जीन नहीं था, उनमें मध्य आयु का व्यायाम सबसे ज्यादा सुरक्षा देता है। लेकिन जिनमें यह जीन मौजूद था, उन्हें बुढ़ापे में अधिक सक्रिय रहना पड़ा ताकि फायदा मिले।

40 की उम्र में व्यायाम क्यों जरूरी?

विशेषज्ञ बताते हैं कि यह उम्र दिमाग के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। इस समय की शारीरिक गतिविधि—

  • दिमाग में रक्त प्रवाह बढ़ाती है
  • सूजन कम करती है
  • हानिकारक प्रोटीन के जमाव को धीमा करती है
  • और मस्तिष्क की संरचना को मजबूत रखती है

जिससे आगे चलकर डिमेंशिया का खतरा कम होता है।

कौन-सा व्यायाम सबसे असरदार?

अध्ययन में मध्यम और तेज़-गति वाले वर्कआउट को सबसे उपयोगी पाया गया।

WHO भी सलाह देता है—

  • सप्ताह में 150–300 मिनट मध्यम व्यायाम या
  • 75–150 मिनट तेज़-तीव्रता वाला व्यायाम

तेज़ चलना, जॉगिंग, साइक्लिंग, डांस, और एरोबिक अच्छे विकल्प हैं।

शुरुआत कैसे करें?

  • 40 के बाद कभी भी व्यायाम शुरू किया जा सकता है—देर नहीं होती।
  • रोज़ 20–30 मिनट brisk walk, cycling या running करें।
  • हफ्ते के लक्ष्य (150 मिनट) को छोटे सत्रों में बाँटें।
  • स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी शामिल करें।
  • किसी बीमारी की स्थिति में डॉक्टर से सलाह लें।

अध्ययन का संदेश साफ है—मध्य आयु में नियमित व्यायाम डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर से बचाव का सबसे आसान और कम-खर्च तरीका है। अभी से सक्रिय होना भविष्य के दिमागी स्वास्थ्य में सबसे बड़ा निवेश साबित हो सकता है।

Khushi Chittoria
Khushi Chittoria

Khushi Chittoria joined Medical Dialogues in 2025 as a Media and Editorial Intern. She holds a degree in Bachelor of Arts in Journalism and Mass Communication from IP University and has completed certifications in content writing. She has a strong interest in anchoring, content writing, and editing. At Medical Dialogues, Khushi works in the editorial department, web stories and anchoring.