गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिलाओं में Deep Vein Thrombosis (DVT) के मामले बढ़ते देखे जा रहे हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैरों की गहरी नसों में खून का थक्का बन जाता है। समय रहते लक्षण पहचानकर इलाज शुरू किया जाए तो गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।

मातृ स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ने के साथ, अब DVT जैसी खामोश लेकिन खतरनाक समस्या पर भी ध्यान देना जरूरी है। पैरों की नसों में बनने वाला यह थक्का फेफड़ों तक पहुँच जाए तो पल्मोनरी एंबोलिज़्म जैसी जानलेवा स्थिति भी बन सकती है।

गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव, कम शारीरिक सक्रियता और गर्भाशय के दबाव के कारण नसों पर भार बढ़ जाता है, जिससे DVT का जोखिम बढ़ता है। समय पर पहचान और उपचार ही सुरक्षा की कुंजी है।

डॉ. सुरभि सिद्धार्थ, कंसल्टेंट ऑब्स्टेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट, मदरहुड हॉस्पिटल खारघर ने बताया,

“गर्भावस्था में शरीर प्राकृतिक रूप से खून का थक्का बनने की प्रवृत्ति बढ़ा देता है ताकि प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव रोका जा सके, लेकिन यही बदलाव DVT का खतरा भी बढ़ाते हैं।

लंबे समय तक बैठना, सी-सेक्शन डिलीवरी, मोटापा और शरीर में पानी की कमी भी जोखिम बढ़ाते हैं। एक पैर में सूजन, पिंडली या जांघ में दर्द, गर्माहट या लालिमा DVT के मुख्य संकेत हैं।

गर्भवती और हाल ही में माँ बनी महिलाओं को ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। शुरुआती पहचान से DVT रोका जा सकता है और जीवन बचाया जा सकता है।”

उन्होंने आगे बताया,

“DVT की पुष्टि डॉप्लर अल्ट्रासाउंड से की जाती है। इलाज में खून पतला करने वाली दवाइयों का प्रयोग होता है, जिसे गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानीपूर्वक तय किया जाता है ताकि माँ और शिशु दोनों सुरक्षित रहें।

बचाव के लिए हल्की वॉक, प्रीनेटल एक्सरसाइज़, लंबे समय तक बैठे रहने से बचाव, पैरों को स्ट्रेच करना, पर्याप्त पानी पीना और डॉक्टर की सलाह पर कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स पहनना मददगार है।

प्रसव खुशी का समय है, लेकिन मातृ स्वास्थ्य पर ध्यान देकर ही यह सफर सुरक्षित हो सकता है। DVT की जानकारी और समय पर उपचार से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है और माँ की रिकवरी भी बेहतर होती है।”

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गर्भावस्था व प्रसव में DVT का जोखिम बढ़ता है। समय पर पहचान, हल्की वॉक, हाइड्रेशन व इलाज से बचाव संभव।
Dr. Bhumika Maikhuri
Dr. Bhumika Maikhuri

Dr Bhumika Maikhuri is a Consultant Orthodontist at Sanjeevan Hospital, Delhi. She is also working as a Correspondent and a Medical Writer at Medical Dialogues. She completed her BDS from Dr D Y patil dental college and MDS from Kalinga institute of dental sciences. Apart from dentistry, she has a strong research and scientific writing acumen. At Medical Dialogues, She focusses on medical news, dental news, dental FAQ and medical writing etc.