शोध में खुलासा: बचपन में होने वाला सामान्य वायरस आगे चलकर ब्लैडर कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है

नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ऑफ़ यॉर्क के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक अध्ययन में पाया है कि बचपन में होने वाला आम BK वायरस जीवन के बाद के चरणों में ब्लैडर कैंसर के खतरे से जुड़ सकता है। BK वायरस अधिकांश लोगों में बचपन में संक्रमण के बाद निष्क्रिय अवस्था में रहता है, लेकिन इम्युनिटी कमजोर होने पर यह सक्रिय होकर किडनी से ब्लैडर की परत (यूरोथीलियम) तक फैल सकता है।
अध्ययन में यह सामने आया कि जब कोशिकाएँ BK वायरस से संक्रमित होती हैं, तो शरीर उन्हें नष्ट करने के लिए एंटीवायरल एंजाइम सक्रिय करता है। दुर्भाग्यवश, ये एंजाइम “फ्रेंडली फायर” की तरह खुद कोशिकाओं के DNA को नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे कैंसर जैसी उत्परिवर्तनकारी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
वैज्ञानिकों ने “बाईस्टैंडर इफेक्ट” भी नोट किया, जिसका मतलब है कि DNA क्षति केवल संक्रमित कोशिकाओं तक सीमित नहीं रहती, बल्कि पास की स्वस्थ कोशिकाओं में भी फैल सकती है। यही कारण हो सकता है कि कई ब्लैडर कैंसर ट्यूमर ऊतकों में वायरस के निशान नहीं पाए जाते, जबकि बीमारी की शुरुआत वायरस से ही हुई हो।
BK वायरस का संक्रमण बहुत आम है, लेकिन ब्लैडर कैंसर अपेक्षाकृत दुर्लभ है। यूके में सालाना लगभग 10,000 नए मामले दर्ज होते हैं। अधिकांश नए मामले 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में पाए जाते हैं। किडनी ट्रांसप्लांट प्राप्त करने वाले मरीजों में ब्लैडर कैंसर का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में तीन गुना अधिक होता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ यॉर्क के लीड रिसर्चर डॉ. साइमन बेकर का कहना है कि यह अध्ययन यह संकेत देता है कि भविष्य में BK वायरस के समय पर इलाज या एंटीवायरल उपाय ब्लैडर कैंसर की शुरुआत को रोक सकते हैं। उन्होंने कहा, “जैसे HPV वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर रोकने में सफल रही, वैसे ही BK वायरस के शुरुआती नियंत्रण से ब्लैडर कैंसर को रोका जा सकता है।”
शोधकर्ता अब इस खोज को क्लिनिकल अध्ययन में सत्यापित करने के लिए तैयार हैं। वे लम्बी अवधि के कोहोर्ट स्टडी डेटा का विश्लेषण करेंगे और यह समझने का प्रयास करेंगे कि BK वायरस अन्य जोखिम कारकों जैसे धूम्रपान और जीवनशैली के साथ कैसे इंटरैक्ट करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जीवनशैली नियंत्रण — धूम्रपान से बचना, यूरिनरी स्वास्थ्य बनाए रखना, और बार-बार किडनी या ब्लैडर संक्रमण वाले लोगों में समय पर स्क्रीनिंग — ब्लैडर कैंसर के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण हैं। यह अध्ययन वायरस और कैंसर के बीच संबंध को समझने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।


