हमारी रसोई में अक्सर कई तरह के तेल रखे होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन तेलों में से कुछ का नाभि (बेली बटन) पर लगाने से सेहत पर चौंकाने वाले फायदे हो सकते हैं? नाभि में सरसों तेल लगाने की परंपरा आयुर्वेद में बहुत पुरानी मानी जाती है। माना जाता है कि सर्दियों में यह तरीका शरीर को गर्माहट देता है, पाचन सुधारता है, रक्त संचार बढ़ाता है और त्वचा की रूखापन कम करता है।

इसे करने का तरीका भी सरल है—नाभि में कुछ बूंदें तेल की डालकर हल्के हाथ से मालिश की जाती है। सरसों तेल का तासीर होता है और यह विटामिन ई, ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर होता है। नाभि से शरीर की कई नसें जुड़ी होती हैं, और तेल इन्हीं के रास्ते शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पोषण पहुंचाता है।

हालाँकि, यह एक पारंपरिक घरेलू उपाय है, कोई वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित इलाज नहीं। इसलिए यदि आप गर्भवती हैं या आपको त्वचा से जुड़ी कोई समस्या है, तो इसे अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

नाभि में सरसों का तेल लगाने के फायदे:

  • फटे होंठ दूर करें: रात को सोने से पहले नाभि में तेल लगाने से होंठ नरम और गुलाबी रहते हैं।
  • त्वचा में निखार: यह त्वचा को अंदर से नमी देता है और रूखापन कम करता है।
  • जोड़ों का दर्द कम करें: ठंड में घुटनों और जोड़ों का दर्द कम करने में मदद करता है।
  • पाचन सुधारें: पेट की गैस, कब्ज और सूजन कम होती है।
  • आँखों की रोशनी बढ़ाए: नाभि की नसें आँखों तक जाती हैं, नियमित तेल लगाने से आंखों की थकान कम होती है।
  • पेट दर्द में राहत: हल्की मालिश से तुरंत आराम मिलता है।
  • संक्रमण से सुरक्षा: तेल के एंटी-बैक्टीरियल गुण नाभि को साफ रखते हैं।
  • पीरियड दर्द में आराम: महिलाओं को मासिक धर्म में ऐंठन और दर्द में मदद मिलती है।
  • नाभि साफ़ और बदबू रहित: नियमित तेल लगाने से नाभि साफ रहती है।
  • तनाव कम और नींद अच्छी: शरीर को आराम मिलता है और नींद बेहतर होती है।

तेल का सही इस्तेमाल:

तेल हल्का गुनगुना करें। रात में सोने से पहले 2-3 बूंद नाभि में डालें और 5 मिनट हल्की गोल-गोल मालिश करें। फिर 10–15 मिनट सीधे लेटकर आराम करें। तेल हमेशा साफ हो और नाभि पूरी तरह साफ हो। खुजली या जलन होने पर तुरंत बंद करें।

रोज़ाना सिर्फ 5 मिनट नाभि पर तेल लगाने से त्वचा, पाचन, जोड़ और मानसिक स्वास्थ्य में चमत्कारी सुधार महसूस किया जा सकता है। यह एक आसान और पुराना आयुर्वेदिक तरीका है जो हमारे शरीर को संतुलित और स्वस्थ बनाए रखता है।

Stuti Tiwari
Stuti Tiwari

Stuti Tiwari joined Medical Dialogues in 2025 as a Hindi Content Writing Intern. She is currently pursuing a Bachelor’s degree in Journalism from the University of Delhi. With a strong interest in health journalism, digital media, and storytelling, Stuti focuses on writing, editing, and curating Hindi health content. She works on producing informative, engaging, and accurate articles to make healthcare news and updates more understandable and relatable for Hindi-speaking audiences.