आजकल Anxiety भारत में बेहद आम हो गई है — चाहे छात्र हों, कामकाजी लोग हों या गृहिणियाँ। तेज़ रफ्तार जिंदगी, बढ़ता तनाव और अनिश्चितता कई बार हमें ऐसी चिंता में धकेल देते हैं, जिसका कारण हमें खुद भी समझ नहीं आता। आखिर Anxiety क्यों होती है और कौन-सी बातें इसे ट्रिगर करती हैं।

Anxiety क्या है?

Anxiety यानी बेचैनी या घबराहट। यह कभी-कभी सामान्य है, लेकिन अगर बार-बार और बिना वजह महसूस होने लगे तो यह परेशानी बन जाती है। भारत में स्कूल-कॉलेज के छात्र, नौकरीपेशा लोग, गृहिणियाँ — सभी में Anxiety तेजी से बढ़ रही है।

Anxiety होने के मुख्य कारण

1. रोज़मर्रा की टेंशन और काम का दबाव

आजकल का काम-काज, ऑफिस की डेडलाइन, नौकरी जाने का डर, महंगाई—सब मिलकर दिमाग पर भारी पड़ते हैं। कई लोग लगातार तनाव में रहते हैं, जो धीरे-धीरे Anxiety ट्रिगर करता है।

2. पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ और रिश्तों का तनाव

घर चलाना, बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों की देखभाल — ये सब मिलकर मानसिक बोझ बढ़ा देते हैं। रिश्तों में झगड़े या भावनात्मक दूरी भी चिंता के बड़े कारण बनते हैं।

3. हेल्थ प्रॉब्लम्स और हार्मोनल बदलाव

थायरॉयड, डायबिटीज, हार्मोनल इम्बैलेंस, दिल की धड़कन बढ़ना — ये समस्याएँ भी Anxiety का कारण बन सकती हैं। महिलाओं में प्रेग्नेंसी या मेनोपॉज़ के दौरान भी यह अधिक दिखता है।

4. जेनेटिक कारण यानी परिवार से मिला प्रभाव

अगर परिवार में किसी को Anxiety या Depression रहा है, तो बच्चों में भी इसका जोखिम बढ़ जाता है।

5. नींद की कमी और अनियमित लाइफस्टाइल

कम नींद, देर रात तक मोबाइल देखना, कैफ़ीन या एनर्जी ड्रिंक का ज़्यादा सेवन — ये सब दिमाग को ओवरस्टिमुलेट कर देते हैं और Anxiety को बढ़ाते हैं।

6. ट्रॉमा या पुरानी भावनात्मक चोट

बचपन का बुरा अनुभव, किसी हादसे की याद, घरेलू हिंसा या किसी प्रियजन का अचानक खोना — ये चीजें लंबे समय तक Anxiety पैदा कर सकती हैं।

7. सोशल मीडिया का दबाव

हर समय तुलना, लाइक-फॉलोअर्स की चिंता, ऑनलाइन नेगेटिविटी—ये आधुनिक समय का बड़ा कारण बन गया है। युवा सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

8. शराब या नशीले पदार्थों का सेवन

कई लोग तनाव कम करने के लिए शराब या अन्य पदार्थों का सहारा लेते हैं, लेकिन इसका उल्टा असर होता है — यह Anxiety को और ज्यादा बढ़ा देता है।

Anxiety कब गंभीर हो सकती है?

अगर आपको लगातार

* दिल की धड़कन तेज होना

* पसीना आना

* नींद न आना

* किसी भी बात पर ज़रूरत से ज्यादा चिंता

* बिना वजह घबराहट

जैसे लक्षण हों और ये आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रहे हों, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।

क्या किया जा सकता है?

* पर्याप्त नींद लें

* मोबाइल/सोशल मीडिया का समय कम करें

* हल्का व्यायाम, योग या प्राणायाम करें

* भरोसेमंद लोगों से बात करें

* दिनचर्या संतुलित रखें

* जरूरत हो तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मदद लें

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भारत में बढ़ती टेंशन और भागदौड़ की जिंदगी में Anxiety आम हो गई है। जानिए इसके असली कारण, ट्रिगर और बचाव के तरीके।
Khushi Chittoria
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Khushi Chittoria joined Medical Dialogues in 2025 as a Media and Editorial Intern. She holds a degree in Bachelor of Arts in Journalism and Mass Communication from IP University and has completed certifications in content writing. She has a strong interest in anchoring, content writing, and editing. At Medical Dialogues, Khushi works in the editorial department, web stories and anchoring.