कैंसर धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है — पर अच्छी बात यह है कि अगर लक्षण समय पर पहचान लिए जाएँ, तो इलाज के नतीजे बहुत बेहतर हो सकते हैं।
अक्सर शरीर कुछ संकेत देता है, जिन्हें हम मामूली समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। समय रहते पहचान लेंगे तो इलाज आसान और उम्मीद मज़बूत होगी।

यहाँ ऐसे 15 लक्षण बताए गए हैं जो दिखने पर डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें — क्योंकि शुरुआती पहचान ही कैंसर से लड़ाई की पहली जीत है।

1. त्वचा में बदलाव (Changes in Skin)

अगर आपकी त्वचा पर कोई नया तिल, धब्बा या दाग बन जाए — या पहले से मौजूद तिल का आकार, रंग या किनारे बदलने लगें — तो इसे नज़रअंदाज़ न करें।
यह स्किन कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।
ऐसे में त्वचा विशेषज्ञ से जांच करवाएँ — ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर बायोप्सी (त्वचा का छोटा नमूना) लेकर जांच करते हैं।

2. लगातार खांसी या खून वाली खांसी (Persistent Cough)

लंबे समय तक न जाने वाली खांसी या खून आना, खासकर अगर आप स्मोकर हैं, तो फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है।
यह एलर्जी या इंफेक्शन भी हो सकता है, पर अगर खांसी 3 हफ्तों से ज़्यादा चले तो डॉक्टर से जरूर मिलें।

3. गर्दन या बगल में सूजन (Swollen Lymph Nodes)

गर्दन, बगल या जांघ के पास छोटी-छोटी ग्रंथियाँ (लिम्फ नोड्स) होती हैं।
सर्दी-जुकाम में ये सूज सकती हैं, पर अगर सूजन लंबे समय तक बनी रहे या दर्दरहित हो — तो यह लिम्फोमा या ल्यूकेमिया का संकेत हो सकता है।

4. स्तनों में बदलाव (Breast Changes)

हर बदलाव कैंसर नहीं होता, लेकिन स्तनों में गांठ, दर्द, लालिमा, निप्पल से डिस्चार्ज या आकार में बदलाव दिखे तो जांच कराना ज़रूरी है।
मैमोग्राफी या अल्ट्रासाउंड से शुरुआती अवस्था में कैंसर पकड़ा जा सकता है।

5. पेशाब से जुड़ी दिक्कतें (Urinary Problems)

बार-बार पेशाब आना, मूत्र में जलन या कमज़ोर धार — यह प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने या प्रोस्टेट कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
डॉक्टर PSA ब्लड टेस्ट और प्रोस्टेट जांच से कारण पहचान सकते हैं।

6. शौच या पेशाब में खून आना (Blood in Stool or Urine)

शौच में खून दिखे तो लोग अक्सर बवासीर समझ लेते हैं।
लेकिन यह बड़ी आंत (कोलन) या मूत्राशय (ब्लैडर) के कैंसर का भी लक्षण हो सकता है।
ऐसे में तुरंत डॉक्टर से जांच कराएँ।

7. असामान्य योनि रक्तस्राव (Abnormal Vaginal Bleeding)

पीरियड्स के बीच या सेक्स के बाद खून आना, या रजोनिवृत्ति (menopause) के बाद दोबारा ब्लीडिंग — यह गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) या योनि के कैंसर का संकेत हो सकता है।
देरी न करें, स्त्री रोग विशेषज्ञ से तुरंत परामर्श लें।

8. अंडकोष में गांठ या सूजन (Testicular Changes)

पुरुषों में अंडकोष में गांठ या भारीपन महसूस होना, टेस्टिकुलर कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है।
अक्सर यह दर्दरहित होता है, इसलिए लोग ध्यान नहीं देते।
एक साधारण अल्ट्रासाउंड से इसका पता चल सकता है।

9. पेट में सूजन या भारीपन (Persistent Bloating)

लगातार पेट फूला हुआ महसूस होना, भूख कम लगना या पीठ दर्द — यह अंडाशय (ओवरी) के कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
अगर सूजन लंबे समय तक बनी रहे, तो गाइनेकोलॉजिस्ट से जांच कराएँ।

10. सीने में जलन या अपच (Heartburn / Indigestion)

बार-बार जलन या खट्टी डकारें आना, सिर्फ़ एसिडिटी नहीं — कभी-कभी पेट या भोजन नली (stomach/esophagus) के कैंसर का लक्षण भी हो सकता है।
अगर दवा से राहत नहीं मिल रही, तो गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से मिलें।

11. मुँह में घाव या सफेद-लाल धब्बे (Mouth Problems)

अगर मुँह में कोई छाला, सफेद या लाल दाग़ दो हफ्ते से ज़्यादा समय तक न भरे — ख़ासकर अगर आप तंबाकू या बीड़ी-सिगरेट लेते हैं — तो यह मुँह के कैंसर का संकेत हो सकता है।
डॉक्टर की जांच से जल्दी पहचान संभव है।

12. निगलने में परेशानी (Trouble Swallowing)

अगर बार-बार खाना निगलने में दिक्कत होती है, गला भारी लगता है या खाना अटकता है — यह गले या अन्ननली के कैंसर का लक्षण हो सकता है।
लंबे समय तक यह समस्या रहे तो जांच ज़रूर कराएँ।

13. बिना कोशिश वजन घटना (Unexplained Weight Loss)

अगर आपने अपनी डाइट नहीं बदली, फिर भी 10 किलो या उससे ज़्यादा वजन कम हो गया है, तो इसे हल्के में न लें।
यह पैंक्रियाज, पेट, फेफड़ों या अन्ननली के कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।

14. लगातार बुखार रहना (Persistent Fever)

बार-बार बुखार आना, जो किसी इंफेक्शन से जुड़ा न हो, ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया या लिम्फोमा) का लक्षण हो सकता है।
अगर बुखार हफ्तों तक बना रहे, तो डॉक्टर से मिलें।

15. अत्यधिक थकान (Unusual Fatigue)

अगर आप हमेशा थके हुए महसूस करते हैं, नींद के बाद भी शरीर भारी लगता है — यह खून की कमी (एनीमिया) या कैंसर से जुड़ी आंतरिक रक्तस्राव की वजह हो सकता है।
लगातार थकान शरीर का SOS सिग्नल है — इसे नज़रअंदाज़ न करें।

संक्षेप में — शरीर की सुनिए, समय रहते जाँच कराइए. हर दर्द या लक्षण कैंसर नहीं होता, लेकिन लगातार बने रहने वाले बदलावों की अनदेखी न करें। अगर कुछ हफ़्तों से ज़्यादा समय से कोई लक्षण बना हुआ है, तो जांच कराना ज़रूरी है।
याद रखें — कैंसर से डरना नहीं, समझदारी से पहचानना ज़रूरी है।

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कैंसर के शुरुआती संकेत पहचानें! समय पर जाँच से इलाज आसान और उम्मीद मज़बूत बनती है — लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें।
Khushi Chittoria
Khushi Chittoria

Khushi Chittoria joined Medical Dialogues in 2025 as a Media and Editorial Intern. She holds a degree in Bachelor of Arts in Journalism and Mass Communication from IP University and has completed certifications in content writing. She has a strong interest in anchoring, content writing, and editing. At Medical Dialogues, Khushi works in the editorial department, web stories and anchoring.