नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि एचआईवी पीड़ितों में एडवांस स्टेज की पहचान के लिए सीडी4 टेस्ट कराना बेहद जरूरी है।

2025 की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, वयस्क, किशोर और पांच साल या उससे बड़े बच्चे जिनमें सीडी4 सेल काउंट 200/mm³ से कम हो, उन्हें एडवांस्ड एचआईवी माना जाएगा।

WHO ने बताया कि एडवांस्ड एचआईवी एड्स से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण है और यह अभी भी गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है, भले ही टेस्टिंग और इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हों और 95–95–95 लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास चल रहा हो।

पांच साल से कम उम्र के एचआईवी पीड़ित सभी बच्चों को एडवांस्ड एचआईवी पीड़ित माना जाना चाहिए।

डब्ल्यूएचओ ने कहा, "2025 की गाइडलाइंस एडवांस्ड एचआईवी की पहचान करने और अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले एचआईवी पीड़ितों की स्थिति में सुधार लाने के लिए बेहतर तरीकों की जरूरत पर बल देती है।"

नई गाइडलाइंस में, डब्ल्यूएचओ ने एडवांस्ड एचआईवी की पहचान के लिए सीडी4 टेस्टिंग की सिफारिश की है।

ग्लोबल हेल्थ संस्था ने कहा, "जिन जगहों पर सीडी4 टेस्टिंग अभी उपलब्ध नहीं है, वहां एडवांस्ड एचआईवी की पहचान के लिए डब्ल्यूएचओ क्लिनिकल स्टेजिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है।"

सीडी4 टेस्टिंग का इस्तेमाल उन पीड़ितों में एडवांस्ड एचआईवी की पहचान के लिए किया जा सकता है जो एआरटी की शुरुआत कर रहे हों या फिर से इस प्रक्रिया से गुजरने जा रहे हों, जो फिर से इलाज कराने को उत्सुक हों, जो असफल उपचार प्रक्रिया से गुजर चुके हों, और जो अस्पताल में भर्ती हैं या गंभीर रूप से बीमार हैं या जिन्हें क्लिनिकली अस्थिर माना जाता है।

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि सीडी4 टेस्टिंग का इस्तेमाल तब भी किया जा सकता है जब वायरल लोड टेस्टिंग उपलब्ध न हो, ताकि इलाज फेल होने की दशा में पहचान में मदद मिल सके। सीडी4 टेस्टिंग को-ट्राइमोक्साजोल प्रोफिलैक्सिस (एंटीबायोटिक) को रोकने की पात्रता का आकलन करने और फ्लूकोनाजोल प्रोफिलैक्सिस (एंटी फंगल दवाएं) की पात्रता का आकलन करने में भी मदद कर सकती है।

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य संस्था ने कपोसी सार्कोमा (एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर जो रक्त वाहिकाओं और लसीका वाहिकाओं की परत में बनता है) वाले एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए फार्माकोलॉजिकल उपचार के लिए पैक्लिटैक्सेल या पेगिलेटेड लिपोसोमल डॉक्सोरूबिसिन का भी सुझाव दिया। इन गाइडलाइंस में बीमारी और मौत को कम करने के लिए जल्दी पता लगाने, तेजी से एआरटी शुरू करने और बेहतर क्लिनिकल मैनेजमेंट पर भी जोर दिया गया है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा, "इन सिफारिशों को लागू करके, देश गंभीर बीमारी और मृत्यु दर को कम कर सकते हैं, इलाज के नतीजों में सुधार कर सकते हैं, और ग्लोबल एचआईवी खत्म करने के लक्ष्यों को आगे बढ़ा सकते हैं।"

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WHO की सलाह: एडवांस एचआईवी पहचान के लिए CD4 टेस्ट करें।
Kanchan Chaurasiya
Kanchan Chaurasiya

Kanchan Chaurasiya joined Medical Dialogues in 2025 as a Media and Marketing Coordinator. She holds a Bachelor's degree in Arts from Delhi University and has completed certifications in digital marketing. With a strong interest in health news, content creation, hospital updates, and emerging trends, Kanchan manages social media, news coverage, and public relations activities. She coordinates media outreach, creates press releases, promotes healthcare professionals and institutions, and supports health awareness campaigns to ensure accurate, engaging, and timely communication for the medical community and the public.