एक नई रिसर्च से यह सामने आया है कि ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) वैक्सीन केवल सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लड़कियों और महिलाओं को वल्वा और वजाइना में होने वाले प्री-कैंसरस घावों से भी सुरक्षा प्रदान कर सकती है। यह अध्ययन महिलाओं के जननांग स्वास्थ्य की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

एचपीवी वैक्सीन पहले से ही सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए जानी जाती है। यह वैक्सीन खास तौर पर एचपीवी-16 और एचपीवी-18 जैसे वायरस के प्रकारों से संक्रमण को रोकती है, जो कैंसर के प्रमुख कारण माने जाते हैं। अब शोध में यह भी सामने आया है कि यह वैक्सीन वल्वर और वजाइनल प्री-कैंसरस लीज़न की संभावना को भी काफी हद तक कम कर सकती है।

मेडिकल जर्नल JAMA Oncology में प्रकाशित इस स्टडी के अनुसार, जिन महिलाओं को क्वाड्रीवैलेंट एचपीवी वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिली थी, उनमें बिना वैक्सीन वाली महिलाओं की तुलना में हाई-ग्रेड वल्वोवजाइनल घावों का खतरा 37 प्रतिशत तक कम पाया गया। खास बात यह रही कि जिन महिलाओं को 10 से 16 वर्ष की उम्र में वैक्सीन दी गई थी, उनमें वल्वा या वजाइना के प्री-कैंसरस घावों की दर 57 प्रतिशत तक कम थी।

यह अध्ययन स्वीडन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया, जिसमें 1985 से 1998 के बीच जन्मी और 2006 से 2022 तक स्वीडन में रहने वाली लगभग 7.7 लाख महिलाओं को शामिल किया गया। लंबे समय तक किए गए फॉलो-अप में यह पाया गया कि वैक्सीन लगवाने वाली महिलाओं में हाई-ग्रेड वल्वोवजाइनल घावों के केवल 98 मामले सामने आए, जबकि बिना वैक्सीन वाली महिलाओं में ऐसे 547 मामले दर्ज किए गए।

वल्वा और वजाइना में होने वाले घाव त्वचा में बदलाव के रूप में दिखाई दे सकते हैं, जैसे गांठ, घाव, सिस्ट, रंग में परिवर्तन या असामान्य ऊतक। ये समस्याएं हल्की हो सकती हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये प्री-कैंसरस या कैंसरस रूप भी ले सकती हैं। इनमें खुजली, जलन, दर्द या असामान्य डिस्चार्ज जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इन घावों को प्री-कैंसर स्टेज में पहचान लेना बेहद जरूरी है, क्योंकि समय पर इलाज से गंभीर कैंसर बनने से रोका जा सकता है। शोधकर्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि कम उम्र में एचपीवी वैक्सीनेशन शुरू करना सबसे अधिक लाभकारी होता है।

एचपीवी दुनिया भर में सबसे आम यौन संचारित संक्रमणों में से एक है और हर साल लाखों नए कैंसर मामलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। यह संक्रमण महिलाओं और पुरुषों दोनों में सर्वाइकल कैंसर के अलावा अन्य जननांग, सिर और गर्दन के कैंसर का भी प्रमुख कारण है।

हाल के अध्ययनों से यह भी पता चला है कि एचपीवी वैक्सीन न केवल सीधे तौर पर वैक्सीन लगवाने वालों को सुरक्षा देती है, बल्कि ‘हर्ड इम्युनिटी’ के जरिए उन लोगों को भी लाभ पहुंचाती है, जिन्हें वैक्सीन नहीं लग पाई है।

यह अध्ययन एचपीवी वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता बढ़ाने और इसे व्यापक स्तर पर अपनाने की जरूरत को और मजबूत करता है।

With Inputs From IANS

Dr. Bhumika Maikhuri
Dr. Bhumika Maikhuri

Dr Bhumika Maikhuri is a Consultant Orthodontist at Sanjeevan Hospital, Delhi. She is also working as a Correspondent and a Medical Writer at Medical Dialogues. She completed her BDS from Dr D Y patil dental college and MDS from Kalinga institute of dental sciences. Apart from dentistry, she has a strong research and scientific writing acumen. At Medical Dialogues, She focusses on medical news, dental news, dental FAQ and medical writing etc.