नई दिल्ली: मुंह में होने वाले छालों को साधारण मानकर अनदेखा कर दिया जाता है, क्योंकि धारणा यही है कि पेट की गर्मी से मुंह में छाले होते हैं, लेकिन ये पूरा सच नहीं है।

मुंह में होने वाले छालों के कई कारण होते हैं, जो ज्यादा बढ़ जाने पर तकलीफ देते हैं। जलन और दर्द के कारण खाना-पीना मुश्किल हो जाता है और साथ ही कई बार बोलने में भी परेशानी होने लगती है। आज हम आपको मुंह के छाले होने का कारण और उपाय दोनों बताएंगे।

बार-बार मुंह में हो रहे छाले सामान्य बात नहीं है, क्योंकि यह खराब पाचन का संकेत है। खराब पाचन पेट के साथ-साथ मुंह, आंत, लिवर समेत कई अंगों को प्रभावित करता है।

आयुर्वेद ने मुंह के छालों को पित्त से जोड़ा है। शरीर में पित्त बढ़ने से छाले होते हैं और अगर स्थिति गंभीर है तो यही मुंह के छाले श्वास नली तक पहुंच जाते हैं और पेट में अल्सर की परेशानी भी हो सकती है। इसके अलावा, पेट की गर्मी, विटामिन B12 की कमी, कब्ज, ज्यादा मसालेदार भोजन और मुंह में संक्रमण की वजह से भी छाले हो सकते हैं।

मुंह के छालों से निपटने के लिए आयुर्वेद में कई तरह के उपाय बताए गए हैं। पहला मुलेठी पाउडर और शहद का सेवन करना। दिन में दो बार मुलेठी पाउडर और शहद का सेवन करने से पेट ठंडा रहता है।

दूसरा त्रिफला चूर्ण। त्रिफला चूर्ण को रात के समय गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इससे पेट की गर्मी में कमी होती है और कब्ज से छुटकारा मिलता है। अगर पेट साफ रहेगा तो मुंह के छाले परेशान नहीं करेंगे।

तीसरा, नारियल पानी। प्राकृतिक रूप से नारियल पानी की तासीर ठंडी होती है और ये पाचन शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है। दिन में दो बार नारियल पानी का सेवन करें। अगर छाले बहुत ज्यादा हैं तो रात के समय जीभ पर घी में मिश्री मिलाकर लगाएं। ये नुस्खा छालों की जलन को कम करने में मदद करेगा। इसके साथ फिटकरी को पानी में घोलकर कुल्ले करें।

इससे मुंह का संक्रमण कम होगा। उपाय के साथ-साथ खाने-पीने में परहेज करना भी जरूरी है। गर्म और ज्यादा मिर्च-मसालेदार खाने से बचें और ठंडे व तरल पदार्थ लें। दही, छाछ और ठंडे फलों का सेवन करें। अगर छाले 7 दिन में ठीक न हों, बार-बार हों या दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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बार-बार मुंह में छाले होना शरीर में पित्त बढ़ने का संकेत है, जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
Stuti Tiwari
Stuti Tiwari

Stuti Tiwari joined Medical Dialogues in 2025 as a Hindi Content Writing Intern. She is currently pursuing a Bachelor’s degree in Journalism from the University of Delhi. With a strong interest in health journalism, digital media, and storytelling, Stuti focuses on writing, editing, and curating Hindi health content. She works on producing informative, engaging, and accurate articles to make healthcare news and updates more understandable and relatable for Hindi-speaking audiences.