वर्कआउट की ताकत सिर्फ जिम में लगाए गए समय से नहीं, आपकी प्लेट से भी तय होती है। पेट बिल्कुल खाली होगा तो दम जल्दी टूट जाएगा, गलत चीजें खाएंगे तो भारीपन या गैस की दिक्कत हो सकती है। इस लेख में वर्कआउट से पहले, बाद और रोज़ की डाइट में कौन-सी चीजें फायदेमंद हैं और किनसे थोड़ा संभलकर रहना चाहिए, यह सरल भाषा में समझाया गया है।

1. बिल्कुल खाली पेट वर्कआउट न करें

कुछ भी खाए बिना जिम जाने से एनर्जी जल्दी खत्म हो सकती है और कैलरी बर्न भी कम हो सकती है। बेहतर है कि वर्कआउट से कम से कम 1 घंटा पहले हल्के कार्ब्स ले लें। 
होल ग्रेन सीरियल + लो-फैट दूध + फल, या होल व्हीट टोस्ट / बागेल अच्छे विकल्प हैं। क्रीम चीज़ और बटर जैसे भारी फैट से बचें।

2. सिर्फ 10 मिनट हैं? फल खाएं

अगर समय बहुत कम है तो वर्कआउट से 5–10 मिनट पहले एक केला या सेब भी मदद कर सकता है। ये आसानी से पचने वाले कार्ब्स हैं जो तुरंत एनर्जी देते हैं। 
फल में विटामिन, मिनरल और अन्य ज़रूरी न्यूट्रिएंट भी होते हैं जो नियमित एक्सरसाइज करने वालों के लिए फायदेमंद हैं।

3. स्पोर्ट्स बार चुनते समय क्या ध्यान रखें

अगर आप दिन में बाद में वर्कआउट करते हैं, तो एक छोटा स्नैक वर्कआउट से करीब 1 घंटा पहले लेना ठीक है। 200 कैलरी या उससे कम वाला स्पोर्ट्स बार एक विकल्प हो सकता है। 
ध्यान रखें कि फाइबर बहुत ज़्यादा (लगभग 3 ग्राम से ज्यादा) न हो, वरना पेट में गैस या क्रैंप हो सकते हैं। साथ ही सोरबिटॉल, ज़ाइलिटॉल जैसे शुगर अल्कोहॉल ज़्यादा होने पर पेट खराब या दस्त की शिकायत हो सकती है।

4. लीन नॉन-वेज प्रोटीन चुनें

नियमित एक्सरसाइज करने वालों को प्रोटीन की ज़रूरत थोड़ी ज़्यादा होती है, क्योंकि यही मसल्स की रिपेयर और ब्लड सेल्स बनाने में मदद करता है। 
लंच या डिनर में फ्राइड मीट या चीज़बर्गर की जगह ग्रिल्ड चिकन या टर्की जैसे लीन ऑप्शन बेहतर हैं, इनमें प्रोटीन अच्छा और सैचुरेटेड फैट कम होता है।

5. प्लांट-बेस्ड प्रोटीन को नज़रअंदाज़ न करें

सिर्फ नॉन-वेज से ही नहीं, पौधों से भी अच्छा प्रोटीन मिल सकता है। राजमा, लोबिया, चना, सफेद या काले चने, मसूर और मटर में प्रोटीन के साथ फाइबर और मिनरल भी भरपूर होते हैं। 
सोया (टोफू, टेम्पेह) और ड्राई फ्रूट्स/नट्स भी प्रोटीन और हेल्दी फैट के अच्छे स्रोत हैं, चाहे आप कभी-कभार या पूरी तरह वेजिटेरियन डाइट लेते हों।

6. जूस से बेहतर है पूरा फल

वर्कआउट के बाद सिर्फ जूस की बजाय पूरा फल खाना ज़्यादा फायदेमंद है, क्योंकि जूस बनते समय उसमें से काफी फाइबर निकल जाता है। 
ब्लूबेरी जैसे बेरीज़ पर हुई स्टडी में पाया गया है कि ये भारी वर्कआउट के बाद मांसपेशियों में दर्द और सूजन कम करने में मदद कर सकते हैं। चेरी और अन्य बेरीज़ भी अच्छा विकल्प हैं।

7. बर्न से ज़्यादा कैलरी वापस न खा लें

अक्सर हम सोचते हैं कि हमने जितनी कैलरी बर्न की हैं, उससे कहीं ज़्यादा कर ली है। एक ज़ोरदार 1 घंटे की साइक्लिंग करीब 590 कैलरी जला सकती है, जबकि हल्की साइक्लिंग में यह लगभग आधी रह सकती है। 
ऐसे में “इनाम” के नाम पर कुकीज़ या जंक खाने की बजाय फलों और सब्जियों पर ध्यान दें, और उन्हें प्रोटीन के साथ लें—जैसे ह्यूमस के साथ सब्जियां या ग्रीक योगर्ट के साथ फल। इससे पेट भी भरेगा और मसल्स को भी मदद मिलेगी।

8. वर्कआउट के बाद कार्ब्स + प्रोटीन कॉम्बो

कड़ी ट्रेनिंग के बाद प्रोटीन और कार्ब्स का मिलाजुला स्नैक सबसे बेहतर माना जाता है। दो स्लाइस ब्रेड और पीनट बटर/आलमंड बटर वाला सैंडविच एक आसान विकल्प है। आप चाहें तो 2–3 उबले या फ्राई अंडे के साथ होल ग्रेन ब्रेड भी ले सकते हैं, इससे एनर्जी भी मिलेगी और मसल्स को रिपेयर का मटेरियल भी।

9. पानी और स्पोर्ट्स ड्रिंक कब पीएं

एक्सरसाइज के दौरान हाइड्रेशन बहुत ज़रूरी है। ज़्यादातर लोगों के लिए 60 मिनट तक के वर्कआउट में बार-बार थोड़ा-थोड़ा पानी पीना ही काफी होता है। 
अगर वर्कआउट बहुत तेज़ और 1 घंटे से ज़्यादा समय का हो, तो स्पोर्ट्स ड्रिंक पसीने से निकले फ्लूइड और इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई और परफॉर्मेंस में मदद कर सकता है, लेकिन इसमें कितनी शुगर और कैलरी है, इस पर नज़र रखना ज़रूरी है, खासकर अगर आप वज़न घटाना चाहते हैं।

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वर्कआउट से पहले-बाद सही खाना ऊर्जा बढ़ाता है, मसल रिकवरी तेज़ करता है और फ़ालतू कैलरी से बचाता है—यहाँ 9 आसान उपयोगी टिप्स हैं.
Stuti Tiwari
Stuti Tiwari

Stuti Tiwari joined Medical Dialogues in 2025 as a Hindi Content Writing Intern. She is currently pursuing a Bachelor’s degree in Journalism from the University of Delhi. With a strong interest in health journalism, digital media, and storytelling, Stuti focuses on writing, editing, and curating Hindi health content. She works on producing informative, engaging, and accurate articles to make healthcare news and updates more understandable and relatable for Hindi-speaking audiences.