Gua Sha: जानिए यह क्या है, कैसे किया जाता है और क्या हैं इसके फायदे और सावधानियां

Gua Sha एक पारंपरिक चीनी तकनीक है, जिसमें चिकने पत्थर या टूल से त्वचा को हल्का खुरचा जाता है। इसे पुराने समय से शरीर में ऊर्जा संतुलन और आराम से जोड़कर देखा जाता रहा है, हालांकि आधुनिक विज्ञान इसके किसी भी बड़े लाभ को प्रमाणित नहीं करता।
आज यह सोशल मीडिया और सेल्फ-केयर ट्रेंड्स की वजह से लोकप्रिय हुआ है, जहाँ इसे चेहरे की चमक, तनाव कम करने या मांसपेशियों को आराम देने से जोड़ा जाता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इन दावों के पीछे पुख़्ता वैज्ञानिक सबूत बहुत सीमित हैं।
Gua Sha की प्रक्रिया सामान्यतः तेल या लोशन लगाकर शुरू होती है, ताकि टूल त्वचा पर आसानी से सरक सके। चेहरे पर हल्के स्ट्रोक्स और शरीर के अन्य हिस्सों पर थोड़ा अधिक दबाव दिया जा सकता है।
इस तकनीक के बाद त्वचा पर हल्की लालिमा या निशान दिख सकते हैं, जो कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। हालांकि, गलत तरीके से करने पर चोट, दर्द या स्किन इर्रिटेशन की संभावना बढ़ जाती है—इसलिए इसे प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा करना अधिक सुरक्षित है।
किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है
- टूल और त्वचा दोनों साफ हों ताकि संक्रमण का जोखिम कम रहे।
- स्ट्रोक्स हमेशा एक समान दिशा में और नियंत्रित दबाव के साथ दिए जाएँ।
- चेहरे जैसी संवेदनशील जगहों पर हल्का दबाव रखें।
- चोट, जलन या कट वाली त्वचा पर इसे न करें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि Gua Sha के लाभों के दावे—जैसे रक्त प्रवाह बढ़ाना, सूजन कम करना या त्वचा में ग्लो लाना—अभी वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं हैं। कुछ छोटे अध्ययनों में सतही रक्त प्रवाह में बदलाव ज़रूर दिखा है, लेकिन वे इतने बड़े नहीं कि किसी परिणाम को निश्चित माना जाए।
इसलिए इस तकनीक को किसी गंभीर चिकित्सा समस्या के इलाज के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए और न ही इसके परिणामों को गारंटी माना जा सकता है। यह केवल एक वेलनेस गतिविधि है जिसका प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग हो सकता है।
कौन लोग इससे बचें
- खून पतला करने वाली दवाइयाँ लेने वाले लोग
- बहुत संवेदनशील या क्षतिग्रस्त त्वचा वाले लोग
- गर्भवती महिलाएँ (बिना डॉक्टर की सलाह के)
- जिन लोगों को स्किन इंफेक्शन, चोट या सूजन हो
कुल मिलाकर, Gua Sha एक पारंपरिक लेकिन सीमित वैज्ञानिक समर्थन वाली तकनीक है। इसे आज़माने वाले लोग वेलनेस या आराम के तौर पर इसे अपना सकते हैं, लेकिन इसके स्वास्थ्य संबंधी दावों को प्रमाणित नहीं माना जाना चाहिए। यदि इसे अपनाना हो तो सही तकनीक, स्वच्छ उपकरण और विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है, ताकि किसी भी जोखिम या नुकसान से बचा जा सके।


