शरीर को स्वस्थ और सक्रिय बनाए रखने के लिए विटामिन उतने ही आवश्यक होते हैं जितना भोजन, पानी और स्वच्छ हवा। हड्डियों की मजबूती से लेकर त्वचा, मांसपेशियों, आंखों और तंत्रिका तंत्र तक—शरीर के लगभग हर अंग के सही कामकाज में विटामिन की अहम भूमिका होती है। हालांकि, विटामिन की कमी अक्सर धीरे-धीरे शरीर पर असर डालती है, जिससे इसके शुरुआती संकेतों को लोग मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। यही लापरवाही आगे चलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि विटामिन की कमी से जुड़ी परेशानियों को समय रहते पहचान लेना बेहद जरूरी है। कई बार शरीर ऐसे संकेत देता है, जिनसे बिना ब्लड टेस्ट के भी विटामिन की कमी का अंदाजा लगाया जा सकता है। लगातार थकान, कमजोरी, बार-बार बीमार पड़ना या त्वचा और बालों में बदलाव—ये सभी किसी पोषक तत्व की कमी की ओर इशारा कर सकते हैं।

विटामिन की कमी के पीछे कई कारण हो सकते हैं। असंतुलित और पोषण रहित आहार, जंक फूड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन, कमजोर पाचन तंत्र, धूप में कम समय बिताना, लंबे समय तक कुछ दवाओं का सेवन, मानसिक तनाव और अनियमित दिनचर्या इसके प्रमुख कारणों में शामिल हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि हर विटामिन की कमी के अलग-अलग लक्षण होते हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।

विटामिन बी12 की कमी होने पर व्यक्ति को बार-बार थकान महसूस हो सकती है। इसके साथ ही हाथ-पैरों में झनझनाहट, चक्कर आना, याददाश्त कमजोर होना, जीभ पर जलन या लालिमा और मूड में अचानक बदलाव जैसी समस्याएं भी देखी जा सकती हैं। वहीं, विटामिन डी की कमी से हड्डियों और जोड़ों में दर्द, कमर दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी और जल्दी थक जाना आम है। जो लोग धूप में कम निकलते हैं, उनमें यह समस्या अधिक पाई जाती है।

विटामिन सी की कमी के लक्षणों में मसूड़ों से खून आना, घावों का देर से भरना, रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना, बार-बार सर्दी-जुकाम होना और त्वचा का रूखा व बेजान दिखना शामिल है। इसी तरह, विटामिन ए की कमी से रात में देखने में दिक्कत (नाइट ब्लाइंडनेस), आंखों में सूखापन, त्वचा का रूखा होना और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। विटामिन ई की कमी त्वचा में रूखापन, बालों के अधिक झड़ने, मांसपेशियों की कमजोरी और नर्व से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है।

आयुर्वेद के अनुसार, विटामिन की कमी को धातु क्षय और अग्नि मंदता से जोड़ा जाता है। जब पाचन शक्ति कमजोर होती है, तो भोजन से पोषक तत्व सही तरीके से अवशोषित नहीं हो पाते। इसलिए आयुर्वेद केवल पौष्टिक भोजन ही नहीं, बल्कि अच्छे पाचन पर भी जोर देता है। दूसरी ओर, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान मानता है कि विटामिन की कमी का सही और स्पष्ट पता ब्लड टेस्ट से ही चलता है। लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जांच करवाना और बिना चिकित्सकीय सलाह के सप्लीमेंट न लेना जरूरी है।

विशेषज्ञों की सलाह है कि संतुलित आहार, पर्याप्त धूप, नियमित व्यायाम और अनुशासित दिनचर्या अपनाकर विटामिन की कमी से काफी हद तक बचा जा सकता है। हालांकि, हर थकान या कमजोरी को विटामिन की कमी मान लेना भी सही नहीं है। यदि कोई लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना ही सबसे सुरक्षित और समझदारी भरा कदम होता है।

With inputs from IANS

vitamin deficiencywarning signs

Topic:

शरीर में विटामिन की कमी कुछ खास संकेतों के ज़रिए सामने आती है, जिन्हें नज़रअंदाज़ करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।
Dr. Bhumika Maikhuri
Dr. Bhumika Maikhuri

Dr Bhumika Maikhuri is a Consultant Orthodontist at Sanjeevan Hospital, Delhi. She is also working as a Correspondent and a Medical Writer at Medical Dialogues. She completed her BDS from Dr D Y patil dental college and MDS from Kalinga institute of dental sciences. Apart from dentistry, she has a strong research and scientific writing acumen. At Medical Dialogues, She focusses on medical news, dental news, dental FAQ and medical writing etc.