नई दिल्ली- सर्दियों का मौसम कई लोगों के लिए सिरदर्द और माइग्रेन की परेशानी बढ़ा देता है। जैसे ही ठंड शुरू होती है, बहुत से लोग बार-बार सिर भारी लगने, आंखों के आसपास दर्द, या सिर के एक हिस्से में तेज धड़कन जैसी शिकायत करने लगते हैं। खासकर माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए यह मौसम बेहद चुनौतीपूर्ण साबित होता है।

सर्दियों में ठंडी हवा सीधे माथे, कान या गर्दन से टकराती है, जिससे दिमाग तक जाने वाली रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इसके कारण अचानक तेज दर्द या “ब्रेन फ्रीज” जैसा एहसास होने लगता है। इसके अलावा ठंड के मौसम में शरीर का रक्तसंचार धीमा हो जाता है, जिससे मस्तिष्क तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति प्रभावित होती है और सिरदर्द की संभावना बढ़ जाती है।

एक और बड़ी वजह है पानी कम पीना। सर्दियों में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर को उतने ही पानी की जरूरत होती है। पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन भी सिरदर्द और माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। इसके साथ ही धूप कम मिलने से विटामिन डी की कमी हो जाती है, जिससे सेरोटोनिन हार्मोन घटता है। सेरोटोनिन की कमी को माइग्रेन का एक अहम कारण माना जाता है।

सर्दियों में भारी रजाइयों का इस्तेमाल और गलत तरीके से सोना भी गर्दन और कंधों की नसों पर दबाव डालता है। इससे गर्दन से सिर तक जाने वाली नसों में खिंचाव पैदा होता है, जो सिरदर्द को और बढ़ा देता है। नाक बंद होना, साइनस में सूजन, जुकाम और एलर्जी जैसी समस्याएं भी इस मौसम में आम हैं, जो सिरदर्द के पीछे बड़ी वजह बनती हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, माइग्रेन को “अर्धावभेदक” कहा गया है और इसे वात और पित्त दोष के असंतुलन से जोड़ा जाता है। ठंड के मौसम में वात दोष बढ़ जाता है, जिससे नसों में संकुचन और दर्द की समस्या होती है।

सिरदर्द और माइग्रेन से राहत के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय बेहद असरदार हैं। गुनगुने तिल या सरसों के तेल से सिर और गर्दन की मालिश करने से नसें शांत होती हैं और रक्तसंचार बेहतर होता है। अदरक और तुलसी की चाय सूजन कम करती है और माइग्रेन में राहत देती है। नस्य कर्म यानी नाक में तिल का तेल या गाय का घी डालना भी काफी लाभकारी माना गया है।

भाप लेना, गुनगुना पानी पीना और त्रिफला चूर्ण का सेवन पाचन सुधारता है, जिससे सिरदर्द में कमी आती है। इसके साथ ही बचाव के लिए जरूरी है कि आप पर्याप्त पानी पिएं, सिर और कान ढककर रखें, देर रात जागने से बचें और बहुत ठंडा या भारी भोजन न करें।

इन आसान आदतों और आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर आप सर्दियों में सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या से काफी हद तक राहत पा सकते हैं।

(With Inputs From IANS)

Khushi Chittoria
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Khushi Chittoria joined Medical Dialogues in 2025 as a Media and Editorial Intern. She holds a degree in Bachelor of Arts in Journalism and Mass Communication from IP University and has completed certifications in content writing. She has a strong interest in anchoring, content writing, and editing. At Medical Dialogues, Khushi works in the editorial department, web stories and anchoring.