सर्दियों का मौसम आते ही लोग अपने खान-पान में बदलाव करते हैं और गर्म, पौष्टिक भोजन का महत्व बढ़ जाता है। उत्तर भारत की पारंपरिक थाली में इस मौसम में सरसों का साग और मक्के की रोटी का नाम सबसे पहले लिया जाता है। यह सिर्फ स्वाद में लाजवाब नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।

आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों इसे शरीर की ताकत बढ़ाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने वाला मानते हैं। सरसों का साग विटामिन और मिनरल्स का भंडार है, जिसमें विटामिन A, C, K, E, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। विटामिन A आंखों और त्वचा के लिए महत्वपूर्ण है, यह रेटिना को स्वस्थ रखता है और दृष्टि सुधार में मदद करता है। विटामिन C प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और सर्दी-जुकाम या वायरल संक्रमण से बचाव करता है।

साग में फाइबर भी उच्च मात्रा में होता है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाता है। फाइबर रक्त में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य बेहतर रहता है और हृदय रोग का जोखिम कम होता है।

इसके अलावा, साग में एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे ग्लूकोसिनोलेट्स पाए जाते हैं, जो शरीर को अंदर से साफ करते हैं और हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। ये फ्री रेडिकल्स से कोशिकाओं की सुरक्षा करते हैं और लंबे समय में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव कर सकते हैं।

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए भी साग लाभकारी है। इसमें मौजूद कैल्शियम और विटामिन K हड्डियों की मजबूती बनाए रखते हैं, कोलेजन और मिनरल्स को जोड़ते हैं, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं और दर्द या कमजोरी कम महसूस होती है।

आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में गर्म और पोषणयुक्त भोजन शरीर की अग्नि (पाचन शक्ति) को बढ़ाता है। सरसों का साग न केवल शरीर को गर्म रखता है, बल्कि रक्त संचार को भी बेहतर बनाता है। मक्के की रोटी के साथ इसका सेवन लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करता है और पेट को भरा हुआ महसूस कराता है।

सर्दियों में इस पारंपरिक व्यंजन को शामिल करना आपके स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा और हड्डियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसे नियमित रूप से खाने से शरीर मजबूत, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहतर और आंखें, हृदय और पाचन तंत्र स्वस्थ रहते हैं।

With Inputs From IANS

Sarson SaagMakki ki RotiWinter

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सर्दियों में गर्म और पौष्टिक भोजन का महत्व बढ़ जाता है। उत्तर भारत की पारंपरिक थाली में सरसों का साग और मक्के की रोटी स्वाद और सेहत दोनों के लिए बेहतरीन मानी जा
Khushi Chittoria
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Khushi Chittoria joined Medical Dialogues in 2025 as a Media and Editorial Intern. She holds a degree in Bachelor of Arts in Journalism and Mass Communication from IP University and has completed certifications in content writing. She has a strong interest in anchoring, content writing, and editing. At Medical Dialogues, Khushi works in the editorial department, web stories and anchoring.