आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी और दफ्तर में लंबे समय तक बैठे रहने की आदत ने लोगों की शारीरिक सक्रियता को काफी कम कर दिया है। इसका सीधा असर तनाव, कमर दर्द, कूल्हों में जकड़न और मांसपेशियों की कमजोरी के रूप में सामने आ रहा है। ऐसे में योग के कुछ सरल आसन इन समस्याओं से राहत दिलाने में बेहद कारगर साबित हो सकते हैं। बद्ध कोणासन ऐसा ही एक प्रभावी योगासन है, जो शरीर के निचले हिस्से को सक्रिय करने के साथ रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करता है।

बद्ध कोणासन को तितली आसन या बटरफ्लाई पोज के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन में दोनों पैरों के तलवों को आपस में जोड़कर बैठा जाता है और घुटनों को धीरे-धीरे नीचे की ओर ढीला छोड़ा जाता है। यह मुद्रा जांघों, कूल्हों और घुटनों को खोलने में सहायक होती है, जिससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है।

इस आसन का नियमित अभ्यास न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। यह मन को शांत करता है, तनाव कम करता है और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में सहायक होने के कारण पीठ और कमर दर्द में भी राहत मिलती है। लंबे समय तक कुर्सी पर बैठकर काम करने वालों के लिए यह आसन विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, बद्ध कोणासन महिलाओं के लिए कई मायनों में लाभकारी है। इसके नियमित अभ्यास से मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन और असहजता में राहत मिल सकती है। यह प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी सहायक माना जाता है। इसके अलावा, यह जांघों और कमर की मांसपेशियों को लचीला बनाता है, जिससे शरीर अधिक संतुलित और मजबूत होता है। गर्भावस्था के दौरान, विशेषज्ञ की सलाह से किया गया यह आसन कमर और जांघों की मांसपेशियों को लचीला बनाए रखने में मदद कर सकता है।

बद्ध कोणासन करने के लिए योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठें और रीढ़ को सीधा रखें। फिर घुटनों को मोड़ते हुए दोनों पैरों के तलवों को आपस में जोड़ लें। पैरों के पंजों को हाथों से पकड़ें और एड़ियों को धीरे-धीरे पेल्विक क्षेत्र के करीब लाने का प्रयास करें। अपनी क्षमता के अनुसार घुटनों को फर्श की ओर ढीला छोड़ें और गहरी सांस लेते हुए 1 से 5 मिनट तक इसी अवस्था में बने रहें। इसके बाद धीरे-धीरे पैरों को सीधा कर लें।

हालांकि यह आसन कई लाभ प्रदान करता है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इसे सही तकनीक और सावधानी के साथ करना आवश्यक है। यदि किसी व्यक्ति को कूल्हों, घुटनों या रीढ़ से जुड़ी कोई चोट या गंभीर समस्या है, तो इस आसन से बचना चाहिए। बेहतर होगा कि योग का अभ्यास किसी प्रशिक्षित योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही किया जाए, ताकि इसके लाभ सुरक्षित रूप से प्राप्त किए जा सकें।

With inputs from IANS

Kanchan Chaurasiya
Kanchan Chaurasiya

Kanchan Chaurasiya joined Medical Dialogues in 2025 as a Media and Marketing Coordinator. She holds a Bachelor's degree in Arts from Delhi University and has completed certifications in digital marketing. With a strong interest in health news, content creation, hospital updates, and emerging trends, Kanchan manages social media, news coverage, and public relations activities. She coordinates media outreach, creates press releases, promotes healthcare professionals and institutions, and supports health awareness campaigns to ensure accurate, engaging, and timely communication for the medical community and the public.