ठंड का मौसम आते ही लोग झिझकने लगते हैं—नींबू पानी पीना चाहिए या इससे तबियत ठंडी पड़ जाएगी?

असल में, नींबू एक ऐसा फल है जिसकी तासीर को लेकर काफी गलतफहमियाँ हैं। कई लोग इसे “ठंडी तासीर” वाला मानते हैं, जबकि वैज्ञानिक नज़रिया इससे थोड़ा अलग है।

नींबू की तासीर आखिर होती क्या है—ठंडी या गर्म?

आयुर्वेद में नींबू को उष्ण वीर्य यानी हल्की गर्म प्रकृति वाला माना गया है। मतलब—यह शरीर की पाचन आग (Agni) को सपोर्ट करता है और ठंड में भी आसानी से पच जाता है।

दूसरी ओर, न्यूट्रिशन साइंस इसकी तासीर को तापमान से नहीं, उसके विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और pH के असर से देखती है। 

नींबू की तासीर शरीर को ठंडा नहीं करती, बल्कि डाइजेशन और इम्यूनिटी को सपोर्ट करती है। इसलिए सर्दियों में नींबू पानी पूरी तरह सुरक्षित है, बस सही तरीके से पीना जरूरी है।

नींबू पानी क्यों फायदेमंद हो सकता है — रिसर्च-बैक्ड फायदे

  • पाचन में मदद: गुनगुने पानी के साथ नींबू का रस पाचन तंत्र को धीरे से “जागने” में मदद करता है। नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड पित्त (bile) के प्रवाह को बढ़ावा देता है, जिससे फैट पचाने और बड़ी आसानी से भोजन को सौम्यता से तोड़ने में मदद मिलती है।
  • इम्यूनिटी मजबूत करता है: नींबू विटामिन C का अच्छा स्रोत है — एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट — जो आपके शरीर को संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है।
  • हाइड्रेशन और बॉडी-फ्लुइड्स में संतुलन: रात भर बाद शरीर अक्सर थोड़ा डिहाइड्रेटेड होता है। गर्म नींबू पानी से सुबह-सवेरे पानी मिलाना शरीर को फिर से हाइड्रेट करता है, सेल फंक्शन को सुचारू करता है.
  • स्किन व ग्लो के लिए: विटामिन C — एन्टिऑक्सीडेंट होने के कारण — फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और कोलेजन निर्माण में मदद करता है। इसके कारण त्वचा को फायदा मिल सकता है।
  • मोटापे/वजन प्रबंधन में मदद (सहायक): गुनगुने पानी + नींबू संयोजन से भूख नियंत्रण मदद मिल सकती है और जलयोजन (hydration) से शरीर का मेटाबॉलिज्म बिना ज़्यादा कैलोरी के सक्रिय रह सकता है। लेकिन — जैसा कि Luke खुद कहते हैं — यह “चमत्कारी फैट बर्नर” नहीं है। इसे एक संतुलित लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाइए।

किन्हें सावधानी रखनी चाहिए — हर किसी के लिए नहीं:

  • अगर आपको एसिडिटी, गैस, या GERD (acid reflux) है — तो नींबू पानी से सीने में जलन, डकार, heartburn हो सकते हैं।
  • दांतों की सेंसिटिविटी या कमजोर दांतों वाले लोग — नींबू का एसिड दांतों की एनेमल को नुकसान पहुँचा सकता है। अगर रोज पीते हैं, तो स्ट्रॉ से पीयेँ और तुरंत पानी से कुल्ला करें।
  • कुछ लोगों में सिट्रस (नींबू/संतरा) से एलर्जी हो सकती है — खुराक से इंफ्लेमेशन या असहजता हो सकती है।
  • अगर आपकी गुर्दे या किडनी स्टोन की प्रथा है — बहुत ज़्यादा एसिडिक पेय गुर्दे पर असर डाल सकते हैं; डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर है। (हालाँकि नींबू में सिट्रेट होता है, जो कुछ स्टोन के लिए फायदेमंद, लेकिन यह हर प्रकार के स्टोन में नहीं) — सावधानी ज़रूरी।

कैसे पिएं — स्मार्ट तरीका (Especially सर्दियों में)

  • रात के बाद सुबह — गुनगुना पानी लें, उसमें एक नींबू निचोड़कर
  • हो सके तो ज्यादा पानी + एक नींबू पर्याप्त है (ओवरडोज़ न करें)
  • इसे खाली पेट पिएँ, लेकिन अगर आपकी एसिडिटी है, तो भोजन के बाद हल्का लें
  • रोज़ाना ना — शरीर की प्रतिक्रिया देखें; यदि जलन या असहजता हो, तो बंद कर दें

नींबू पानी कोई जादुई टॉनिक नहीं, लेकिन सही तरीके से इस्तेमाल करें — कई फायदे मिल सकते हैं। नींबू पानी — अगर सही मात्रा, समय और तरीके से लिया जाए — तो पाचन, इम्यूनिटी, हाइड्रेशन और त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन यह कोई “मिरकल ड्रिंक” नहीं है। यह तभी काम करेगा जब आपके भोजन, नींद, व्यायाम और संपूर्ण जीवनशैली संतुलित हो।

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Topic:

सर्दियों में नींबू पानी पीना सुरक्षित है? क्या नींबू की तासीर ठंडी होती है? रिसर्च के आधार पर जानें फायदे, नुकसान और किन लोगों को सावधान रहना चाहिए।
Dr. Bhumika Maikhuri
Dr. Bhumika Maikhuri

Dr Bhumika Maikhuri is a Consultant Orthodontist at Sanjeevan Hospital, Delhi. She is also working as a Correspondent and a Medical Writer at Medical Dialogues. She completed her BDS from Dr D Y patil dental college and MDS from Kalinga institute of dental sciences. Apart from dentistry, she has a strong research and scientific writing acumen. At Medical Dialogues, She focusses on medical news, dental news, dental FAQ and medical writing etc.