नई दिल्ली: केवल बच्चों को ही डरावने सपने नहीं आते; वयस्कों में भी यह समस्या आम होती जा रही है। मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, भयावह सपनों का अनुभव न केवल नींद को प्रभावित करता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और दिनभर की ऊर्जा पर भी असर डाल सकता है।

यह समस्या तनाव, चिंता, नींद की कमी या पिछले मानसिक अनुभवों से जुड़ी हो सकती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि नियमित नींद, तनाव प्रबंधन और यदि जरूरत हो तो काउंसलिंग से वयस्कों में डरावने सपनों को कम किया जा सकता है।

डरावने सपनों के कारण:

विशेषज्ञ बताते हैं कि तनाव, चिंता, नींद की कमी और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ वयस्कों में डरावने सपनों के मुख्य कारण हैं। इसके अलावा, दवाओं के साइड इफेक्ट्स, शराब या नशीली दवाओं का सेवन, और अचानक जीवनशैली में बदलाव भी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं।

लगातार डरावने सपनों का अनुभव करने वाले लोग दिनभर थकान, ध्यान में कमी और चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना और नियमित नींद का पालन करना बेहद जरूरी है।

सामान्य लक्षण:

  • रात को बार-बार जागना- नींद में लगातार टूट-फूट होना है, जिससे शरीर और दिमाग को पर्याप्त आराम नहीं मिलता। यह थकान, ध्यान की कमी और मूड बदलने जैसी समस्याएँ पैदा कर सकता है। तनाव, चिंता, अनियमित नींद या स्वास्थ्य कारण इसके मुख्य कारक हो सकते हैं।
  • नींद से परेशान रहना- लगातार सोने में कठिनाई या नींद पूरी न होना, जिससे शरीर और दिमाग को पर्याप्त आराम नहीं मिलता। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर असर डालता है।
  • दिन के समय थकान और चिड़चिड़ापन- रात की खराब नींद के कारण दिनभर ऊर्जा की कमी और मनोबल में गिरावट महसूस होना। यह कामकाजी प्रदर्शन और सामाजिक बातचीत को प्रभावित कर सकता है।
  • सपनों के कारण डर और चिंता- भयावह या डरावने सपनों के चलते नींद के दौरान तनाव महसूस होना। इसका असर जागरूक अवस्था में भी दिखाई देता है, जिससे मानसिक तनाव और चिंता बढ़ सकती है।

जो लोग जोखिम में हैं:

शोध में पाया गया है कि PTSD (पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) या गंभीर चिंता वाले वयस्कों में डरावने सपनों की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा, नींद के अन्य विकार जैसे नींद में बाधा या अपनोइया भी इस समस्या से जुड़े होते हैं।

शोध में यह भी सामने आया है कि लंबे समय तक चलने वाला तनाव और डिप्रेशन वयस्कों में डरावने सपनों की आवृत्ति बढ़ा सकते हैं। जीवनशैली में अचानक बदलाव, अत्यधिक स्क्रीन टाइम और नींद का अनियमित पैटर्न भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन कारकों को नियंत्रित करके सपनों की गुणवत्ता और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है।

निवारक उपाय:

  • नियमित नींद का पालन करें और सोने से पहले तनाव कम करें।
  • कैफीन और शराब का सेवन सीमित करें।
  • सोने से पहले रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएँ जैसे गहरी सांस या ध्यान।
  • जरूरत पड़ने पर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से काउंसलिंग लें।

डरावने सपने सिर्फ रात में होने वाली अस्थायी परेशानी नहीं हैं; यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का संकेत भी हो सकते हैं। लगातार डरावने सपने आना यह दर्शा सकता है कि आप तनाव, चिंता या किसी अघुलित भावनात्मक अनुभव से जूझ रहे हैं। इन्हें नजरअंदाज करना आपकी नींद की गुणवत्ता और दिनभर की ऊर्जा पर भी असर डाल सकता है।

सकारात्मक जीवनशैली अपनाना, जैसे कि नियमित नींद का पैटर्न, संतुलित आहार, व्यायाम और तनाव कम करने वाली गतिविधियाँ, डरावने सपनों की आवृत्ति को कम करने में मदद कर सकती हैं।

इसके साथ ही मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की समय पर सलाह और थेरेपी, यदि आवश्यक हो, आपको इन सपनों के पीछे छिपी भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक वजहों को समझने और उन्हें नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है।

इस तरह, जागरूकता, सही जीवनशैली और विशेषज्ञ मार्गदर्शन के माध्यम से आप न केवल बेहतर नींद का अनुभव कर सकते हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ बना सकते हैं।

nightmaressleep disorderanxiety

Topic:

वयस्कों में बार-बार डरावने सपने तनाव, चिंता और नींद की समस्याओं से जुड़े हो सकते हैं; सही जीवनशैली और नींद से राहत मिलती है।
Stuti Tiwari
Stuti Tiwari

Stuti Tiwari joined Medical Dialogues in 2025 as a Hindi Content Writing Intern. She is currently pursuing a Bachelor’s degree in Journalism from the University of Delhi. With a strong interest in health journalism, digital media, and storytelling, Stuti focuses on writing, editing, and curating Hindi health content. She works on producing informative, engaging, and accurate articles to make healthcare news and updates more understandable and relatable for Hindi-speaking audiences.